संसद के मानसून सत्र का दूसरा सप्ताह भी विपक्ष के शोर-शराबे और हो-हल्ले की भेंट चढ़ गया। पेगासस जासूसी कांड और किसानों के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा सप्ताह के आखिरी दिन भी नहीं थमा। विपक्ष जहां पीछे हटने को तैयार नहीं है, वहीं सरकार भी उनके दबाव में नहीं आती दिख रही। सरकार ने इस सप्ताह विपक्ष के हंगामे के बीच कई विधायी कार्य कराए और बिना चर्चा कई विधेयक पारित करा लिए।
संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार की ओर से विपक्षी नेताओं को साधने की लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक बात नहीं पाई है। उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोई रास्ता निकल जाए।
दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही रोजाना की तरह शुक्रवार को भी विपक्ष ने अपनी चिरपरिचित शैली में विरोध करना शुरू किया। प्लेकार्ड लहराते विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच सरकार ने राज्यसभा में दो विधेयक पेश किए और ध्वनिमत से एक विधेयक पारित करा लिया। लोकसभा में भी दो विधेयक पेश किए गए। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में शून्यकाल नहीं चल सका। हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उपसभापति हरिबंश ने सदन के दोबारा बैठने पर गैरविधायी कार्य के लिए सदस्यों के नाम पुकारे, लेकिन न किसी ने अपने संकल्प पेश किए और न ही किसी पर चर्चा शुरू हो सकी। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के सदस्य एक बार फिर आक्रामक हो गए और सदन के बीचोबीच पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच उपसभापति ने सीमित भागीदारी (संशोधन) विधेयक-2021 और डिपाजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन बिल-2021 पेश करा दिया। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने नारियल विकास बोर्ड संशोधन विधेयक-2021 पेश किया जो चर्चा के बगैर ध्वनिमत से पारित भी हो गया।
लोकसभा में दूसरे हफ्ते के आखिरी दिन भी हंगामा पूर्ववत जारी रहा। शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होते ही शोर-शराबा होने पर लोकसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। दोबारा सदन शुरू होने पर हालात ज्यों के त्यों रहे। लेकिन पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल इस दौरान कुछ विधायी कार्य पूरा कराते रहे। इसी दौरान ‘द कमीशन फार एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाइनिंग एरिया बिल-2021’ को वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने पेश किया। जबकि जनरल इंश्योरेंस बिजनेस (नेशनलाइजेशन) संशोधन बिल-2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया।
शोर-शराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्ष पर गैरजरूरी मुद्दे पर हंगामा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर विपक्ष बिफर रहा है, उसे लेकर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का विस्तृत बयान पहले ही आ चुका है। विपक्ष बिना किसी वाजिब मुद्दे के संसद के कामकाज में अवरोध पैदा कर रहा है। संसद में हंगामा कर कामकाज रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है।
संसद परिसर में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गतिरोध तोड़ने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए, जिसके लिए वह तैयार नहीं है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने मांग की, ‘सबसे पहले पेगासस जासूसी मामले की चर्चा होनी चाहिए, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह जवाब दें और उस समय संसद में प्रधानमंत्री मौजूद रहें।’