विकास कार्यो के साथ-साथ जातिगत समीकरण और जनसंपर्क ही भाजपा का चुनावी मंत्र है। दिल्ली में दो दिनों तक चली उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों की बैठक में यह स्पष्ट हो गया। गुरुवार को काशी, अवध और गोरखपुर संभाग के सांसदों के साथ बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के केंद्रों और सप्ताह में दो दिन टीकाकरण केंद्रों के दौरे का निर्देश दिया। वहीं, मोदी कैबिनेट में जगह पाने वाले मंत्रियों का अलग-अलग जिलों में स्वागत का भी कार्यक्रम बनाने को कहा गया है। यानी जिस जिले से मंत्रियों की यात्रा निकलेगी वहां के सांसद भी इसमें शामिल होंगे।
यह स्पष्ट किया गया कि न केवल 2022 बल्कि 2024 के लिए भी अभी से सबको जुटना है। बुधवार को सांसदों की बैठक में नए मंत्रियों को आशीर्वाद यात्रा निकालने को कहा गया था। गुरुवार को दूसरे सांसदों को भी बताया गया कि अपने-अपने जिलों में वे भी उनका स्वागत करें। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश से नए बने मंत्रियों में ओबीसी, दलित, ब्राह्मण जाति के मंत्री हैं। बताने की जरूरत नहीं कि बसपा, कांग्रेस और सपा भी अभी से अलग-अलग जातियों को लुभाने में लगे हैं।
नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थे। नड्डा के अलावा केवल योगी ने बैठक को संबोधित किया। उनका संबोधन मुख्यत: राज्य में हो रहे विकास कार्यो पर था। सूत्रों के अनुसार, योगी ने किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं और गन्ना भुगतान समेत कुछ बातों का भी जिक्र किया। सांसदों को राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में पुस्तक दी गई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी सरकार के कामकाज की प्रशंसा की थी। संदेश साफ है कि सभी सांसदों को अपने-अपने जिलों में प्रचार-प्रसार भी करना है और उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी भी लेनी है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अभी खत्म नहीं हुई है। भाजपा अध्यक्ष ने एक दिन पहले ही दो लाख गांवों में स्वयंसेवक मुस्तैद करने की घोषणा की है। ‘अपना बूथ कोरोना मुक्त’ का नारा दिया गया है। उसके लिए प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। गुरुवार को उन्होंने सांसदों को याद दिलाया कि उन्हें सप्ताह में कम से कम दो बार टीकाकरण केंद्रों का दौरा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि ईमानदारी से काम हो रहा है। कोरोना काल में मुफ्त राशन की अवधि बढ़ा दी गई है। इसकी निगरानी भी की जानी है और सांसदों को इसमें सक्रियता से जुटना होगा।
सांसदों से कहा गया है कि मानसून सत्र खत्म होते ही सभी अपने-अपने क्षेत्रों में रहें। स्वतंत्रता के 75वें साल के लिए प्रधानमंत्री की ओर से जो कार्यक्रम दिया गया है, उसका क्रियान्वयन करें और गावों में प्रवास करें