लालगंज-रायबरेली। नाबालिग बालिका के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा कर उसे खोजने के लिए भटक रहे दलित परिवार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले 16 जून को गांव के ही कई युवकों ने गरीब की बेटी का अपरहण हुआ था। लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पूरे शंभर सिंह मजरे मेरूई गांव की यह घटना बेडिया परिवार की है। भीख मांग कर गुजर बसर करने वाले इस परिवार की समाजिक व राजनैतिक पकड़ न होने का दंश झेल रहे इस परिवार की पुलिस भी नहीं सुन रही है। बताया गया है कि पूरे शंभर गांव में दबंगई चरम पर है लेकिन कोतवाली पुलिस का इन दबंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसी गांव में पिछले अप्रैल महीने में एक गरीब की बालिका को पकड़ कर दबंगों ने छेडछाड करने की कोशिश की। जब बालिका ने विरोध किया तो उसकी इतनी पिटाई की उसके हांथ पैर टूट गये। जिला अस्पताल में इलाज के बाद उसे मंुह बंद कर घर में रहना पड़ रहा है। पुलिस ने इस मामले में केवल आरोपितों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की थी। कोतवाली पुलिस की अपराध छिपाऊ प्रवृत्ति के कारण दबंगों के हौसले बुलंद हैं। बालिकाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसीक्रम में चिलौला गांव में दबंग एक बालिका को पिछले चार दिन पहले उठा ले गये थे। उसकी आज पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। गिरफ्तारी आज तक नहीं कर सकी है। जबकि बालिका उनसे अपने को बचा कर कोतवाली पहुच गई है।
सवांददाता: सर्वोदय मौर्य