मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही पर छाए विपक्ष के विरोध के बादल बृहस्पतिवार को छटने के आसार हैं। राज्यसभा में शाम को सदन चलने से जगी उम्मीद को लेकर सरकार लोकसभा में भी गतिरोध खत्म करने की पहल करेगी। इसके लिए सरकार ने अपने और स्पीकर के स्तर पर विपक्ष को साधने की रणनीति बनाई है। सरकार बृहस्पतिवार को विपक्ष के नेताओं से संपर्क साध सकती है।
सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के पास मुद्दों की भरमार है। पेगासस जासूसी कांड, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अव्यवस्था, महंगाई, किसान आंदोलन जैसे तमाम मुद्दों पर विपक्ष का रुख हमलावर है। इस बीच दूसरे दिन सभापति वेंकैया नायडू की पहल से मंगलवार को राज्यसभा में गतिरोध टूटा। हंगामे के बाद उच्च सदन में कोरोना महामारी पर चर्चा भी शुरू हुई।
बार-बार कार्यवाही स्थगन के बीच सभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इसी बैठक में कोरोना पर चर्चा कराने पर सहमति बनी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सभापति ने कहा, विपक्ष को हंगामे की जगह चर्चा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जिसके बाद उच्च सदन में चर्चा हुई और सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री ने इसका जवाब भी दिया।
लोकसभा में भी विपक्ष से संपर्क साधेगी सरकार
सरकार ने लोकसभा में भी गतिरोध दूर करने के लिए राज्यसभा का फार्मूला आजमाने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार बृहस्पतिवार को अपने स्तर पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क साधेगी। इसके अलावा स्पीकर बिरला भी विपक्ष के नेताओं से बातचीत करेंगे। सरकार को उम्मीद है कि इस सप्ताह या फिर अगले सप्ताह से लोकसभा में भी गतिरोध दूर हो जाएगा।
सरकार की सबसे बड़ी चिंता कोरोना
मानसून सत्र में सरकार की सबसे बड़ी चिंता कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्पन्न स्थिति है। इस दौरान देशभर में बड़ी संख्या में लोगों की इलाज, बेड और ऑक्सीजन के अभाव में मौत हुई। सरकार इस मामले में विपक्षी हमले की धार कुंद करना चाहती है। इसी रणनीति के तहत पीएम मोदी ने इस महामारी पर मंगलवार को विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में प्रजेंटेशन दिया गया। सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि सरकार के लिए पेगासस जासूसी कांड से ज्यादा अहम कोरोना की दूसरी लहर है। इस मुद्दे पर लोगों में गहरी नाराजगी है।