उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि 1990 अयोध्या फायरिंग में मारे गए कारसेवकों के नाम प्रदेश में सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने अफसोस जताया कि सपा सरकार ने राम लला के दर्शन करने आए निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिस विवादित भूमि पर बाबरी मस्जिद खड़ी थी, उसे अब हिंदुओं को सौंप दिया गया है, जहां वर्तमान में एक विशाल राम मंदिर निर्माण किया जा रहा है।रिपोर्टों के अनुसार, आरएसएस, भाजपा और विहिप के नेतृत्व में अक्टूबर 1990 में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा अपनी रथ यात्रा के साथ मंडल आयोग के आंदोलन का मुकाबला करने की अयोध्या अभियान के लिए कसम खाई थी। इस दौरान कहा गया है कि कारवां अयोध्या विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर भगवान राम को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने घोषणा की थी, “उन्हें अयोध्या में प्रवेश करने की कोशिश करने दो। हम उन्हें कानून का अर्थ सिखाएंगे। कोई भी मस्जिद नहीं तोड़ी जाएगी।”
30 अक्टूबर को, जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उस दौरान पुलिस और कारसेवकों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान कारसेवक मस्जिद में घुसने के लिए डटे रहें। वहीं दोपहर तक, पुलिस को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से कारसेवकों पर गोलियां चलाने का आदेश मिला, जिसके कारण फायरिंग हुई और भगदड़ मच गई। इस घटना में कम से कम 28 कारसेवक मारे गए। बाद में, जब कारसेवकों ने फिर से बाबरी मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश की, तो यूपी पुलिस ने फिर से गोली चला दी। जबकि आधिकारिक रिकॉर्ड में 17 मौतें दिखाई गईं लेकिन बीजेपी ने इसे 56 बताया था।