उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इसके पीछे संवैधानिक संकट को कारण बताया गया है। कहा जा रहा है कि सीएम को छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है। इस समय उपचुनाव संभव नहीं है ऐसे में तीरथ सिंह रावत सीएम पद पर नहीं रह सकते थे। इसी को देखते हुए उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है। अपने इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा भी वह करने वाले हैं। तीरथ सिंह ने राज्यपाल से भी मिलने का समय मांगा है। अब माना जा रहा है कि नया सीएम बीजेपी के 56 विधायकों में से ही कोई होगा। नए सीएम के तौर पर फिलहाल धन सिंह और सतपाल महाराज समेत चार नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पद की रेस में रीतू खंडूरी और पुष्कर धामी का भी नाम आ रहा है। खबरों के मुताबिक अभी राज्यपाल से मिलने का समय नहीं मिला है। एक दो दिन में विधायक दल की बैठक भी बुलाने की तैयारी है। विधायक फिलहाल अपने क्षेत्रों में है, उनके लौटने के लिए बोल दिया गया है।
उत्तराखंड में चार महीने में दूसरी बार मुख्यमंत्री बदला जाएगा। अगले साल जनवरी में विधानसभा चुनाव का ऐलान होना है। विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उप-चुनाव नहीं कराया जाता। इसलिए रावत का इस्तीफा बड़ी वजह बन रही है। तीरथ सिंह रावत अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सीएम बने रहने के लिए छह महीने के भीतर सदस्य बनना होता है। तीरथ सिंह रावत 10 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री बनाए गए थे। 10 सितंबर तक तीरथ रावत राज्य के मुख्यमंत्री रह सकते हैं। वैसे सीएम पद पर रहने के दौरान कई बार अपने बयानों के चलते विवादों में भी तीरथ सिंह रावत रहे हैं।