खीरों (रायबरेली) -विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत खीरों में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों के श्रमिकों का कई महीनों बाद भी भुगतान न होने से ब्लाक मुख्यालय खीरों में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष मनरेगा श्रमिकों ने मजदूरी का शीघ्र भुगतान करने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया व शीघ्र मजदूरी का भुगतान करने की मांग की । मनरेगा श्रमिकों ने रोजगार सेवक पर हेराफेरी कर श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान निकाल लेने का आरोप लगाया । इसके अलावा शौचालय व आवासों व जाबकार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली करने का भी आरोप लगाया । बीडीओ के के सिंह ने शीघ्र मजदूरी का भुगतान कराने व जांचकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया तो श्रमिक वापस लौट गए ।
ब्लाक मुख्यालय खीरों के कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे ग्राम पंचायत खीरों के मनरेगा श्रमिकों रामदेव, फारूक, दुलारा, राजकुमारी, बीरेन्द्र, गुड्डी, रामकुमारी, राजरानी, फूलमती, राजकुमारी, मुन्नी,ललित कुमार, अंजूदेवी, शिवकेश, बुद्धू कुरील आदि ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में बीते वर्ष मनरेगा से कई तालाब की खोदाई व सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराया गया है । लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी आजतक उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया । लाकडाउन के दौरान मनरेगा में काम न मिलने के कारण उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं । उपरोक्त श्रमिकों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत खीरों के रोजगार सेवक अरविन्द कुमार ने ग्राम पंचायत के अन्तर्गत मनरेगा योजना के तहत कराए गए अनेक कार्यों में सैकड़ों श्रमिकों की मजदूरी में हेराफेरी कर गलत तरीके से भुगतान निकाल लिया है लेकिन श्रमिकों को आजतक भुगतान नहीं मिला । उपरोक्त श्रमिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि रोजगार सेवक अरविन्द कुमार मनरेगा श्रमिकों के जाबकार्ड बनाने के लिए 200 से 300 लेने के बाद ही जाबकार्ड बनाते हैं । लेकिन जाबकार्ड श्रमिकों को न देकर वह अपने घर में रखते हैं । जिससे श्रमिकों को यह नहीं पता चल पाता है कि उनके जाबकार्ड में कितने मानव दिवस चढ़ाए गए हैं । और कितने दिन का भुगतान किया जा रहा है ।
ग्राम प्रधान खीरों राजरानी ने बीडीओ के माध्यम से डीएम को शिकायती पत्र देकर उपरोक्त मामलों के साथ ही रोजगार सेवक अरविन्द कुमार पर यह आरोप लगाए हैं कि ग्राम पंचायत खीरों के शादी अनुदान के पात्रों से 5 हजार, प्रधानमंत्री आवास योजना के श्रमिकों के भुगतान के नाम पर 5 हजार, आवासों की फोटो खींचने पर 500 से 1000 रुपये की वसूली की जा रही है । आवासों के नाम पर भी रोजगार सेवक अरविन्द कुमार लाभार्थियों से 20 हजार की अवैध वसूली कर रहे हैं । उपरोक्त मनरेगा श्रमिकों व ग्राम प्रधान ने विभागीय अधिकारियों से शीघ्र श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान करने, मामले की जांचकर दोषी रोजगार सेवक के विरुद्ध कार्यवाही करने व उसे बर्खास्त करने की माँग की है । बीडीओ के के सिंह ने बताया कि मनरेगा के श्रमिकों द्वारा मजदूरी न मिलने के साथ ही अन्य आरोप लगाते हुए रोजगार सेवक अरविन्द कुमार के विरुद्ध शिकायती पत्र दिया है । जाँच कर शीघ्र ही मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान किया जाएगा । अन्य आरोपों की भी जाँचकर रोजगार सेवक के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।