श्रीलंका की टीम इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां तीन मैचों की टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप झेलने के बाद श्रीलंका की टीम से उम्मीद थी कि वनडे क्रिकेट में मेहमान टीम वापसी कर सकती है, लेकिन इससे पहले तीन खिलाड़ियों को श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने बायो-बबल से बाहर कर दिया। तीन खिलाड़ियों में कुसल मेंडिस, निरोशन डिकवेला और दनुष्का गुणाथिलका का नाम शामिल था, जिन्होंने बायो-बबल को तोड़ा था और उन्हें टीम से बाहर कर दिया। ऐसे में कप्तान कुसल परेरा के लिए प्लेइंग इलेवन का चुनाव करने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ा।
मंगलवार को चेस्टर ली स्ट्रीट में खेले गए पहले वनडे मैच में श्रीलंका की ओर से तीन खिलाड़ियों ने डेब्यू किया, जबकि सिर्फ दो ही बल्लेबाजों के साथ टीम मैदान पर उतरी, क्योंकि टीम में बाकी के खिलाड़ी प्रोपर बैट्समैन नहीं थे। टॉप ऑर्डर के दो बल्लेबाजों को छोड़ दिया जाए तो श्रीलंका की टीम की प्लेइंग इलेवन में पांच ऑलराउंडर और चार गेंदबाज थे। इस तरह श्रीलंका की टीम सिर्फ दो ही बल्लेबाज के साथ मैदान पर उतरने के लिए मजबूर थी और टीम को हार का भी सामना करना पड़ा। यहां तक कि बेंच पर भी जो खिलाड़ी बैठे, उनमें भी ज्यादातर ऑलराउंडर या फिर गेंदबाज ही थे।
श्रीलंका को पहले वनडे मैच में 5 विकेट से हार मिली, क्योंकि पहले बल्लेबाजी करते हुए मेहमान टीम ने 42.3 ओवर में सभी विकेट खोकर 185 रन बनाए थे। श्रीलंका की तरफ से कप्तान कुसल परेरा ने 81 गेंदों में 73 रन की पारी खेली, जबकि 54 रन वनिंडु हसरंगा ने बनाए। इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज योगदान देने में सफल नहीं हुआ। उधर, इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स ने 4 और डेविड विली ने 3 विकेट चटकाए। वहीं, 186 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम को शुरुआती झटके जरूर लगे, लेकिन जो रूट, जॉनी बेयरेस्टो और मोइन अली ने टीम को संभाल लिया।
जो रूट ने 87 गेंदों में नाबाद 79 रन की पारी खेली, जबकि बेयरेस्टो ने 21 गेंदों में तेजतर्रार 43 रन बनाए। 28 रन मोइन अली के बल्ले से भी निकले। हालांकि, माना ये भी जा रहा था कि अगर जो रूट का विकेट श्रीलंकाई टीम को जल्दी मिल जाता तो ये मैच क्लोज हो सकता था, लेकिन श्रीलंका के पास विकेट लेने के अलावा कोई चारा नहीं था, क्योंकि स्कोरबोर्ड पर 200 रन भी नहीं थे। यही कारण रहा कि टी20 सीरीज के बाद वनडे सीरीज का आगाज भी श्रीलंकाई टीम को हार के साथ करना पड़ा है।