लालगंज-रायबरेली। लालगंज नगर के निलम्बित पूर्व चैकी इंचार्ज बहाली के लिए पूरी कसरत कर रहे हैं। इस भ्रष्ट दरोगा की करतूतें न केवल लालगंज बल्कि खीरों थाने में चर्चित है। इसकी भ्रष्ट कारगुजारियों के लोग गवाह हैं। इसके बावजूद निलम्बित दरोगा अब व्यापार मंडल से लेकर अन्य से ईमानदारी का प्रमाण पत्र लेने के लिए दबाव बना रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले पखवारे पुलिस अधीक्षक ने लालगंज नगर के पूर्व चैकी इंचार्ज को निलम्बित कर दिया था। इस दरोगा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। लालगंज नगर में अबैध वसूली, अपराधियों से वसूली कर उन्हे मुक्त करना जैसे अनेक गंभीर मामलो के इस आरोपी दरोगा को निलम्बित किया था। लालगंज में तैनाती के दौरान इस भ्रष्ट दरोगा ने हरीपुर गांव के रहने वाले नानबच्चा नामक एक युवक से देशी तमंचा बरामद करने के बाद रूपया लेकर छोंड दिया और तमंचा अपने पास जमा करा लिया। पूरे नौरंग के रहने वाले दलित की हत्या के मामले में पूंछतांछ के नाम पर बेकसूरों से लाखों की वसूली की। घोसियाना मोहल्ले में हुए गोलीकांड में भी इस भ्रष्ट दरोगा ने यही कार्य किया। एक दर्जन लोगों से प्रति व्यक्ति 10 हजार रूपये वसूले। आप को बता दें कि बेहटाकलां दलित युवक की कोतवाली में हुई मौत के मामले में इस दरोगा की अहंम भूमिका थी। पैसों की खातिर उसकी पिटाई में इसका भी खांसा हांथ था। दरोगा जेपी यादव के साथ इसे भी निलम्बित किया जाना चाहिए था। लेकिन तत्कालीन एसपी ने इसे बचा कर लालगंज कोतवाली के इतिहास में इसे बदनुबा धब्बा लगा दिया। इसी तरह खीरों थाने के इतिहास में भी इस दरोगा की भ्रष्ट करतूतें दर्ज हैं। बताते हैं कि खीरों में अपनी तैनाती के दौरान एक चांदी व्यापारी के उत्पीड़न के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी को इसे हवालात में डालना पड़ा था। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने इतने भ्रष्ट दरोगा को लाइन हाजिर करने के बजाय निलम्बित कर पुलिसिंग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप साबित करने की कोशिश की लेकिन इस निलम्बित दरोगा उत्पीड़न से त्रस्त लोगों पर दबाब बना कर बयान बदलवाने की पुरजोर की निरन्तर कोशिश की जा रही है। लोगों ने एसपी से हस्तक्षेप की मांग की है।