लैंगिक प्रजनन उत्पत्ति का सफल विचार है जिसके बारे में इंसानों को भी जानकारी है. आपको बच्चा पैदा करना हो तो एक योग्य साथी की सबसे पहले जरूरत होगी. कुछ जीवों ने इस लंबी प्रक्रिया से पूरी तरह बचने का तरीका निकाल लिया है. वे अलैंगिक हैं और खुद का क्लोन बना लेते हैं. ये केकड़े इसका एक अच्छा उदाहरण है. मीठे पानी में पलने वाले इन केकड़ों ने 2003 में पहली बार दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. जर्मन जीवविज्ञानियों ने देखा कि एक पूरी किस्म में केवल मादाएं ही थीं, जो खुद का क्लोन बना लेती थीं. इन केकड़ों की इस खूबी के बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी.मार्बल कैंसर लैंगिक प्रजनन से कैसे दूर हुए यह साफ नहीं है. हालांकि इनके जीन का विश्लेषण करने से पता चला है कि ये उत्तर अमेरिकी क्रेफिश प्रजाति से जुड़े हुए हैं. वैज्ञानिक को आशंका है कि इनमें से किसी क्रेफिश का म्यूटेशन 1990 के दशक में हुआ जिसके कारण ये केकड़े लैंगिक प्रजनन से अलैंगिक प्रजनन की ओर चले गए.
ब्डेलॉयडी नाम का यह जीव बगैर सेक्स के पिछले 4 करोड़ सालों से रह रहा है. इस लंबे अंतराल में पृथ्वी पर पर्यावरण की स्थिति में कई बार बदलाव हुए लेकिन यह जीव अब भी अस्तित्व में है और वो इसलिए क्योंकि यह दूसरे जीवों से जीन लेकर अपने डीएनए में शामिल कर लेता है जैसे कि बैक्टीरिया या फिर फफूंद.अलैंगिक प्रजनन का सबसे बड़ा फायदा है कि केवल एक महिला ही पूरी आबादी की शुरुआत कर सकती है. तस्वीर में दिख रहा सरीसृप वर्जिन गेको है. यह प्रशांत महासागर के बिल्कुल अलग थलग द्वीपों पर रहता है और पेड़ पौधों के साथ बहक कर शायद किनारों पर पहुंच गया. अगर मादाएं प्रजनन के लिए पुरुषों पर निर्भर हों तो संदिग्ध परिस्थितियों में वे ऐसा कभी नहीं करेंगी.
सेल्फ क्लोनिंग कोई बहुत दूर की कौड़ी नहीं है यह बात कैद में रह रहे जीवों ने दिखा दिया. 2006 में लंदन के चिड़ियाघर में रह रही वर्जिन मादा कोमोडो ड्रैगन ने चार बच्चों को जन्म दिया. चारों बच्चे नर थे और जाहिर है कि उनके क्लोन वहां मौजूद नहीं थे क्योंकि बच्चों में केवल मां का डीएनए था. माराम झींगा, ब्डेलॉयडी और गेको तो हमेशा मादा होते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी जीव हैं जिनके लिए सेक्स वैकल्पिक है. इनमें एक उदाहरण है यह सतरंगी छिपकली. यह छिपकली मध्य और दक्षिण अमेरिका में रहती है. इनकी कुछ आबादी तो केवल मादाओं की है लेकिन कुछ ऐसी भी आबादियां हैं जिनमें नर और मादा साथ रहते हैं.
यहां तक कि कैद में रहने वाली शर्कों में भी अलैंगिक प्रजनन देखा गया है. उदाहरण के लिए 2007 में अमेरिकी एक्वेरियम में एक शार्क बिना किसी नर के संपर्क में आये गर्भवती हो गई और फिर एक मादा बच्चे को जन्म दिया. बंबू शार्क और जेब्रा शार्क पहले ही क्लोन को जन्म दे चुकी हैं.स्तनधारियों में अलैंगिक प्रजनन अब तक नहीं देखा गया है. वैज्ञानिकों को संदेह है कि हमारे लिए बच्चे पैदा करना बेहद जटिल है. यह एक अच्छी बात है क्योंकि लैंगिक प्रजनन म्यूटेशन से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम कर देता है. इसके साथ ही हर बार जीन का नया मिश्रण बनता है जो नए जलवायु की परिस्थितियों के अनुसार हमें खुद को ढालने में मदद करता है.