विद्या बालन अपने किरदार में उतरने के लिए जानी जाती हैं। मौजूदा दौर की सक्षम और समर्थ अभिनेत्रियों में शामिल विद्या की फ़िल्म शेरनी अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो रही है। पिछले साल शकुंतला देवी के बाद विद्या की यह दूसरी फ़िल्म है, जो सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रही है।
विद्या फ़िल्म में एक फॉरेस्ट ऑफ़िसर के रोल में हैं, जो हिंदी सिनेमा में अब तक किसी एक्ट्रेस ने नहीं निभाया।जागरण डॉट कॉम से ख़ास बातचीत में विद्या ने यह सवाल पूछने पर कहा- ”हिंदी सिनेमा में उस तरह की फ़िल्म नहीं बनी है, जिसमें वन विभाग को दर्शाया गया है। इस वजह से फ़िल्मों में हमने फीमेल ऑफ़िसर नहीं देखी हैं।”
विद्या ने अपने किरदार की तैयारियों को लेकर बताया कि इसके लिए वो फॉरेस्ट ऑफ़िसर्स से मिली थीं। उनसे समझना चाहती थीं कि उनकी किस तरह की ट्रेनिंग होती है। उनकी पढ़ाई क्या होती है। किस तरह की पोस्टिंग होती हैं और किस तरह की दिक्कतें आती हैं।
विद्या कहती हैं कि चलन ऐसा है कि इस तरह के जॉब्स में औरतें बहुत कम रही हैं। ऐसी जॉब्स में ख़तरा तो है ही, शारीरिक रूप से भी बहुत स्ट्रॉन्ग होना पड़ता है, लेकिन मैंने पाया कि बहुत सारी फीमेल ऑफ़िसर्स हैं और जंगल में पोस्टिंग लेती हैं, जो बहुत मुश्किल पोस्टिंग होती हैं और कभी नक्सल एरिया में भी उनकी पोस्टिंग हो जाती है, लेकिन वो हर प्रॉब्लम को बहुत अच्छे से हैंडिल कर लेती हैं।
शेरनी की शूटिंग के दौरान पेनडेमिक भी हुआ और शूटिंग रुकी थी। विद्या ने बताया- ”छह-सात महीने का ब्रेक हो गया था, क्योंकि हमारी शूटिंग चल रही थी और लॉकडाउन हो गया था। फिर हम घर लौट आये थे और जब सब खुल गया तो वापस मध्य प्रदेश गये।”
शेरनी भले ही जंगलों में शूट हुई है, लेकिन विद्या के लिए यह यादगार अनुभव रहा- ”सच बताऊं, इतना सुकून मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया। इस फ़िल्म में दिक्कतों की मैं बात कर ही नहीं सकती। जंगल में शूट कर रहे थे। माहौल इतना अच्छा था। दरअसल, एमपी टूरिज़्म और फॉरेस्ट मिनिस्ट्री दोनों का मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगी। उन्होंने बहुत सपोर्ट किया, जिसकी वजह से हमारा शूट बड़े अच्छे से ख़त्म हुआ।”
अमित मसुरकर ने इससे पहले न्यूटन बनायी थी, जो प्रशंसित फ़िल्म है। अमित के साथ काम करने के अनुभव पर विद्या ने कहा- ”एक शब्द में कहूं तो बहुत असाधारण डायरेक्टर हैं। जिस तरह की कहानी वो चुनते हैं। जिस तरह की फ़िल्में वो बनाते हैं। चाहे वो न्यूटन हो या अभी शेरनी हो। अलग हटकर होती हैं। उनको जंगल बहुत पसंद है। इसीलिए दोनों फ़िल्मों में आपको जंगल नज़र आएगा। वो अलग तरीके सोचते हैं। इसलिए अमित जैसे डायरेक्टर के साथ फ़िल्म करना मुझे बहुत एक्साइटिंग लगा।”
न्यूटन ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि भी थी, तो क्या शेरनी को लेकर ऐसी उम्मीद की जा सकती है? यह पूछने पर विद्या ने कहा- ”आपके मुंह में घी शक्कर! हर बार उम्मीद करते हैं कि हमारी फ़िल्मों को बहुत प्यार मिले। हर फ़िल्म के साथ यह उम्मीद जुड़ी रहती है, सिर्फ़ ऑस्कर की नहीं। पर उस सबके बारे में सच में मैं सोचती नहीं हूं। लोगों को अच्छी लगे। वो सबसे ज़रूरी है। बाक़ी सब सोने पे सुहागा।” विद्या ने अपने करियर में अपने किरदारों के साथ ख़ूब प्रयोग किये हैं। तरह-तरह की भूमिकाएं की हैं। उन्हें सबसे मुश्किल किरदार द डर्टी पिक्चर की सिल्क का लगता है, जिसकी विद्या ने वजह भी बतायी- ”मैं जो भी फ़िल्म कर रही होती हूं, मुझे वही सबसे मुश्किल लगता है, क्योंकि मैं थोड़ी सी नर्वस हो जाती हूं। पर डर्टी पिक्चर सबसे मुश्किल किरदार था मेरे लिए, क्योंकि सिल्क और मुझमें बहुत फर्क था। मैं डर रही थी। मैंने अपने आप से कहा था कि बेबाकी के साथ अगर यह रोल नहीं कर सको, तो इससे अच्छा है कि करो ही मत। सिल्क बहुत बेबाक थी। पर थैंक गॉड, मैं ठीक से कर पायी और फिर इसके लिए मुझे इतना प्यार मिला।”
विद्या सिनेमाघरों को मिस करती हैं और उम्मीद करती हैं कि जल्द हालात ठीक होंगे- ”सिनेमाघरों को मिस करती हूं। दुख की बात यह है कि बहुत लोगों की नौकरी चली गयी है। उम्मीद करती हूं कि बहुत जल्द सिचुएशन सुधरेगी और लोग थिएटर्स में जाने लगेंगे।”