बालको प्रबंधन में अपने फायदे को देखते हुए रचा संयंत्र तथा स्थानीय लोगों को गुमराह कर दिया धोखा,भूमि का ब्यावरा- खसरा नंबर 58 बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज वन विभाग की भूमि*परसाभाटा, बेलगरी नाला निवासियों द्वारा अपने मवेशियों की चरागाह की भूमि,बच्चों के खेलने की भूमि, तथा स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली शासकीय भूमि को सर्वप्रथम तो अवैध रूप से बिना परमिशन के बाउंड्री वॉल कर कब्जा किया गया तथा कुछ जगहों पर खुला छोड़ा गया ताकि लोग उस भूमि को पूर्व की भांति इस्तेमाल करते रहें।तथा कुछ समय पश्चात स्थानीय लोगों को यह कहकर मूर्ख बनाया गया की स्थानीय लोगों को शौच हेतु हम एक शौचालय बना कर दे देते हैं ताकि स्थानीय लोग खुले में ना जाकर शौचालय शौच हेतु जाए तथा हम उस शौचालय की देखरेख करेंगे ऐसा कह कर शौचालय तो बनाया गया ।इन सभी बातों के फल स्वरुप एक शौचालय बनाकर दिया गया और षड्यंत्र के तहत अपना काम निकालने हेतु उन दीवारों में छोड़े गए खुली जगहों को एक एक कर कर बंद कर दिया गया तथा लोगों का उस भूमि पर आना-जाना बंद करवा दिया गया।जहां स्थानीय लोग अपने मवेशियों को चराया करते थे , बच्चे उन जगहों में जाकर खेला करते थे तथा स्थानीय लोग कुछ जगहों को शौच हेतु उपयोग किया करते थे।
इस तरह से बालको प्रबंधन ने स्थानीय लोगों को धोखा दिया एवं झूठ कहा।*और आज स्थिति यह उत्पन्न हो चुकी है की मवेशियों हतू चरागाह की भूमि बची ही नहीं बच्चों के खेलने हेतु कोई भी ऐसी खाली भूमि नहीं जहां पर बच्चे स्वतंत्र रूप से खेल सके सभी जगहों पर बालको प्रबंधन ने अवैध रूप से अपना कब्जा जमा लिया।तथा उनके द्वारा बनाई गई शौचालय की स्थिति तो ऐसी है मानव किसी 500 साल पुराने खंडहर में चला जाया जाए ना तो किसी प्रकार का कोई मेंटेनेंस ना ही किसी प्रकार का कोई देखरेख ना ही साफ सफाई ना ही कोई सुविधा और पानी का तो नामोनिशान नहीं अब हमें बालको प्रबंधन यह बताएं इतना कुछ कर देने के बावजूद उस शौचालय को भी लोग उपयोग नहीं कर पा रहे तो यह किस प्रकार का विकास कार्य उन्होंने किया था और ऐसी कितनी विकास कार्य और करना चाहते हैं
(ज़िला संवाददाता उत्सव कुमार यादव कोरबा छत्तीसगढ़)