जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारत की बड़ी कूटनितिक जीत हुई है। गुरुवार को पाकिस्तानी नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ अपील का अधिकार देने वाले विधेयक को पास कर दिया। बता दें कि कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद आईसीजे ने सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया था कि वह जाधव केस में एक बार फिर ‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार’ करे।
अब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भी कुलभूषण जाधव को लेकर पेश किया गया ‘इंटरनेशनल कोर्ट (समीक्षा और पुनर्विचार) अध्यादेश, 2020’ पास हो गया है। यह कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार देता है। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद साल 2017 में एक सैन्य अदालत फांसी की सजा सुनाई थी।
इस फैसले को चुनौती देते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई, 2019 में पाकिस्तान सरकार से कहा था कि वह कुलभूषण जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा देने के फैसले की प्रभावी समीक्षा व पुनर्विचार करे। इसके अलावा कोर्ट ने जाधव को बिना देने भारत द्वारा राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया था। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय कोर्ट के फैसले के बाद अक्टूबर 2020 में पाकिस्तान संसदीय पैनल ने कुलभूषण जाधव की सजा की समीक्षा बिल को मंजूरी दे दी थी।