अमेरिका अन्य देशों को कोविड-19 टीके की लाखों खुराक देने के राष्ट्रपति जो बाइडन के कदम के तहत ताइवान को टीके की 750,000 खुराक देगा।
तीन सांसदों ने रविवार को इस बारे में बताया। ताइवान ने शिकायत की है कि चीन महामारी के बीच टीकों को प्राप्त करने के उसके प्रयास में बाधा उत्पन्न कर रहा है। इलिनोइस से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद टैमी डकवर्थ अपने दो अन्य सहयोगियों डेलावेयर से डेमोक्रेटिक पार्टी के क्रिस्टोफर कून्स और अलास्का से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद डैन सुलिवन के साथ ताइवान पहुंचीं।
मेरिका-चीन रिश्तों में ताइवान का भूराजनीतिक महत्व
तीनों सांसदों ने ताइवान में करीब तीन घंटे बिताये। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लोकतांत्रिक द्वीप के प्रति अमेरिका के दोनों दलों का समर्थन प्रदर्शित करती है। चीन ताइवान के अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। ताइवान कोविड-19 रोधी टीके की कमी का सामना कर रहा है और अमेरिका-चीन रिश्तों में ताइवान का भूराजनीतिक महत्व है।
डकवर्थ ने अमेरिकी सैन्य विमान पर सवार होने से पहले हवाई अड्डे पर कहा, ”मैं यहां आपको बताने के लिए आयी हूं कि अमेरिका आपको अकेला नहीं छोड़ेगा। इस महामारी के समय में और इसके बाद भी हम लोग ताइवान के लोगों की जरूरतों में उनके साथ खड़े रहेंगे।”
अमेरिका से 2.5 करोड़ टीके की खुराक
उन्होंने कहा, ”हम लोग यहां एक मित्र के नाते आये हैं क्योंकि हम जानते हैं कि ताइवान इस वक्त चुनौती का सामना कर रहा है। यही कारण है कि हम तीनों के लिए यहां द्विदलीय रूप में होना विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।” अमेरिका से 2.5 करोड़ टीके की खुराक पाने वाले देशों की सूची में पिछले सप्ताह ताइवान को भी शामिल किया गया है।
बाइडन प्रशासन ने कहा है कि टीकों की आठ करोड़ खुराक में से पहली किस्त के तहत ये टीके दुनिया के देशों में बांटे जायेंगे। ताइवान समेत कम आय वाले अधिकतर देशों को टीके की ये खुराकें संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स पहल के तहत दी जायेंगी। चीन के पूर्वी तट से करीब 160 किलोमीटर दूर स्थित 2.4 करोड़ की आबादी वाला द्वीप महामारी के अचानक बढ़ने के बाद टीका प्राप्त करने का प्रबल इच्छुक है।
ताइवान का कानून चीन निर्मित दवाओं पर रोक लगाता है
जापान ने ताइवान को जल्द टीकों की आपूर्ति के मकसद से कोवैक्स पहल से हटकर शुक्रवार को 12 लाख खुराकें भेजीं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका द्वारा भेजी जा रही टीके की 750,000 खुराकें कब पहुंचेंगी। ताइवान ने चीन पर जर्मन कंपनी और अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर द्वारा विकसित टीके के आयात के लिए बायोएनटेक के साथ समझौते के उसके प्रयास में बाधा डालने का आरोप लगाया है। चीन का कहना है कि वह ताइवान को चीनी सहयोगी कंपनी फोसन के माध्यम से उसे बायोएनटेक के टीके की आपूर्ति करना चाहता है।
ताइवान की सरकार ने चीन पर लोगों के जीवन को बचाने के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। ताइवान का कानून चीन निर्मित दवाओं पर रोक लगाता है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने हवाई अड्डे पर तीनों सांसदों का स्वागत किया और कहा कि वह उनका स्वागत कर ”सम्मानित” महसूस कर रहे हैं और इस सहयोग के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
हमें बाधाओं को दूर करना होगा
उन्होंने कहा, ”ताइवान संक्रमण के खिलाफ जंग में अलग तरीके की चुनौती का सामना कर रहा है। हम टीका आयात करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। ये जीवन रक्षक दवाएं बीजिंग की किसी भी बाधा के बिना हमें प्राप्त हों,यह सुनिश्चित करने के लिए हमें बाधाओं को दूर करना होगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि चीन लगातार ताइवान को विदेशी मदद की राह में बाधा डाल रहा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन में हिस्सा लेने से उसे रोक रहा है। उन्होंने कहा, ”हम लोग ऐसी रुकावटों से अनजान नहीं हैं।” वू ने कहा कि ताइवान सौभाग्यशाली है कि उसे समान सोच वाले देशों का समर्थन मिला और यह तानाशाही के जवाब में देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बनाये रखने में मददगार है।