रायबरेली: अस्थमा और क्षय रोग की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे है उमरन ऐश डाइक से उड़ने वाली कोयले के कारण

ऊंचाहार, रायबरेली। उमरन ऐश डाइक से उड़ने वाली कोयले की राख ने ग्रामीणों का जीना हराम कर दिया।आज उमरन ऐश पौंड से सटे ग्रामीणों ने एनटीपीसी परियोजना प्रबन्धन के खिलाफ नारे बाजी की।ग्रामीणों में अखिलेश यादव ने बताया कि ऐश पाउंड से उड़ने वाली राख घरों तक जाती है।खाना पीना सांस लेना हर क्रिया के माध्यम से राख शरीर में प्रवेश करती है।रमेश चौरसिया ने कहा कि राख से लोग दमा, अस्थमा और क्षय रोग की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे है।इमरान,संजय और सत्ती ने कहा कि ऐश पाउंड की वजह से खेतों में सीपेज की समस्या बराबर बनी रहती है।सीपेज की वजह फसल पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है।इस पर परियोजना के प्रबन्धन तंत्र ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे है।बताते चले कि एनटीपीसी परियोजना कोयले पर आधारित विद्युत उत्पादक परियोजना है।जिससे निकलने वाली कोयले कि राख को परियोजना तीन माध्यम से बाहर निकालती है।राख को सीमेंट फैक्ट्रियों को भेजना दूसरा दो ऐश डाइक बनाकर पानी के सहारे अरखा पाउंड और उमरन पाउंड में भेजना। वहां से उस राख को सड़क निर्माण,पुल निर्माण के उपयोग में भेजा जाता है।जब पाउंड में राख पानी के साथ पहुंचता है तो राख नीचे और पानी ऊपर रहता है।पानी को वापस परियोजना खींच लेता है और सूखी राख रह जाती है। सूखी राख हवा में उड़कर लोगो को परेशान करती है और पूरा पानी परियोजना खींच नहीं पाता तो वहीं पानी आस पास किसानों के खेतों में सीपेज का कारण बनता है।जिससे वहां के लोगों का जन जीवन प्रभावित करता है।समस्या से प्रभावित गांव सुमेर बाग,रायपुर,भखरी,गौसपुर, बेंचू का पुरवा, बलदू का पुरवा, उमरन,झलाबाग,सेमरा,गंगेहरा अहिरन का पुरवा,और रघुनाथपुर लबेदवा जैसे दर्जनों गांव ग्रसित है। समस्या को लेकर अखिलेश यादव रमेशचौरशिया, इमरान,संजय, सत्ती बीडीसी राजाराम,राजनरायन,हरिपाल,विजय ,मुख्तार,शिवाकांत,राधेश्याम,उमाशंकर,रवि,राकेश,और सुनील,राजेन्द, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।