रायबरेली:साकेत नगर मोहल्ले में शिवलाल यादव के घर के पास सफाई व्यवस्था को मुंह चिढ़ाता कूडे़ का ढे़र




लालगंज-रायबरेली। गांवों की सफाई व्यवस्था का जायजा लालगंज पहुंचे डीपीआरओ महज खानापूरी कर वापस लौट गये। डीपीआरओ ने गंदगी व कोरोना प्रभावित गांवों को देखने के बजाय पहले से तैयार कराये गये पांच गांवों का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि लालगंज व सरेनी ब्लाक के गांवों में सफाई व्यवस्था ध्वस्त व सफाई कर्मचारियों के केवल बीडीओ से लेकर सहायक विकास अधिकारियों तथा ब्लाक मुख्यालय पर ड्यूटी देने की शिकायत जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने की थी। बताते हैं कि डीपीआरओ लालगंज ब्लाक के चांदाटीकर, बन्नामऊ, शाहपुर तथा बेहटाकलां समेत पांच गांव गये। जबकि लालगंज ब्लाक मुख्यालय से जुड़ी ग्राम पंचायत आलमपुर को नहीं देखा। आलमपुर गंदगी से पटी है नालियां बजबजा रही हैं और कोरोना संक्रमण से भी प्रभावित है। डीपीआरओ की खानापुरी से ग्रामीण खांसे नाराज हैं उनका कहना है कि बानगी के तौर पर केवल आलमपुर का साकेत नगर मोहल्ला ले लें तो पंचायत विभाग व विकास विभाग की कार्य पद्यति खुल कर सामने आ जाएगी। साकेत नगर मोहल्ला लालगंज नगर के पश्चिमी छोर से जुड़ा है। और गंदगी का अम्बार है। जगह-जगह कूडे़ के ढे़र व बजबजाती नालियां यहां की पहचान बन गयी हैं। मगर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। आलमपुर के ग्रामीणों ने कहा कि सफाई व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे डीपीआरओ को पहले आलमपुर गांव की सफाई व्यवस्था की हकीकत देखनी चाहिए। इसी तरह गौरारूपई, गेगासों, उतरागौरी, वलौली, उगाभाद आदि अनेक गांव हैं जहां सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एक ओर गांवों में सफाई व्यवस्था चाकचैबंद कराने के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं वहीं पंचायत व विकास विभाग के अधिकारियों के निकम्मेपन के कारण यहां गांवों में व्यवस्था ढ़ाक के तीन पात है।