खीरों रायबरेली। उत्तर प्रदेश सरकार भले ही दावा कर रही हो कि ‘गड्ढा मुक्त सड़क अभियान’ के जरिए तमाम खस्ताहाल सड़कों को बेहतर बनाया जा रहा है, लेकिन आज भी रायबरेली जिले की स्थिति बद से बद्तर नजर आ रही है। रायबरेली जिले को वीवीआईपी का दर्जा दिया गया है। जिले का प्रभार उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दिया गया है। लेकिन सड़को की हालत आज भी बद से बदतर है। मोटरसाइकिल से चलना तो दूर पैदल चलना दूभर हो रहा है। हर बरसात में ये मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो जाता हैं। सड़क पर गड्ढे है या गड्ढों पर सड़क इसका अंदाजा तो उस गड्ढेेे से निकलने वाले वाहन ही बता सकता हैं।
गौरतलब है कि रायबरेली से कानपुर राजमार्ग एनएच 232 की खस्ता हालत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि रायबरेली के एएनएचएआई के अधिकारी कितने जिम्मेदार और संजीदा है। यूपी सरकार ने समय-समय पर अपने अधिकारियों को गड्ढा मुक्त अभियान चलाकर सभी सड़कों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का आदेश देती रहती हैं। लेकिन एनएचआई के अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का चीर हरण कर रहे हैं। आपको बता दें कि सेमरी चौराहे की इस सड़क के गड्ढे में करीब 3 दिन से एक ट्रक फंसा हुआ था, काफी जद्दोजहद के साथ उसे बाहर निकाला गया और सड़क पर इतना लंबा चौड़ा गड्ढा बन गया है। करीब 6 माह से इतना बड़ा गड्ढा बीच चौराहे पर बना हुआ है, गड्ढा तालाब में तब्दील हो गया है। जिस तरह से सड़क की हालात है। इस सड़क की हालत के जिम्मेदार एनएचएआई के अधिकारी हैं। एनएचआई के अधिकारी गड्ढा मुक्त अभियान का माखौल बना रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस सड़क की बाबत कई राजनेता और अधिकारियों से मौखिक रूप से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां से निकलने वाले यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस खास्ता हालात सड़क पर गिर कर लोग घायल भी हो जाते है। आसपास के लोगों द्वारा घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाता हैं।
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