सतांव- (रायबरेली) ! सबसे अहम बात तो यह है कि जनपद के 3 सबसे सशक्त नेता एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय वह सदर विधायक आदिति सिंह, कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में अहम भूमिका रहेगी। दिनेश सिंह जहां मैनेजमेंट work तोड़ जोड़ की राजनीति में सबसे आगे देखेंगे तो वही मनोज पांडेय व आदिति सिंह की गूगल अलग ही दिशा तय करेगी। किसकी जीत और किसकी पट हो गई यह तो आने वाला समय बताएगा इस बार का जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव काफी रोचक होने वाला है। रायबरेली में पंचायत अध्यक्ष रेस में कांग्रेस से पूर्व सांसद स्वर्गीय अशोक सिंह की बहू वह कांग्रेसी नेता मनीष सिंह की पत्नी आरती सिंह प्रबल दावेदार के रूप में सामने आ सकते हैं। वही समाजवादी पार्टी से बछरावां विधानसभा से पूर्व सपा विधायक रामपाल अकेला के बेटे विक्रांत अकेला जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रबल दावेदार हो सकते हैं साथ ही बीजेपी रंजना चौधरी पर दांव खेल सकती हैं। पर अगर कांग्रेस से आरती सिंह ko जिला पंचायत अध्यक्ष का दावेदार बनाया गया तो यह मुकाबला काफी रोचक होगा क्योंकि आरती सिंह के ससुर raebareli से ही सांसद हुआ जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं साथ ही चचेरे ससुर बाहुबली स्वर्गीय अखिलेश सिंह रायबरेली में 5 बार विधायक रह चुके हैं। हर बार की तरह अगर समाजवादी पार्टी पार्टी से कांग्रेस वाक ओवर देते हुए। कांग्रेस का समर्थन कर दिया तो 52 जिला पंचायतों में 10 कांग्रेस के, 16 सपा के साथ भी 16 निर्दलीय मिलाकर aarti का बहुमत सबसे आगे रहने की उम्मीद जताई जा सकती है रुतबा, शोहरत और लोगों से जुड़ाव के मामले में भी आरती सिंह सबसे आगे रहेंगी। अगर समाजवादी पार्टी कांग्रेस को वांक ओवर नहीं देती हैंऔर अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरती है तो चुनाव काफी रोचक होगा क्योंकि पूर्व विधायक रामलाल अकेला के बेटे विक्रांत अकेला की युवाओं में अच्छी खासी बैठी है और मैनेजमेंट गुरु जी साबित हो सकते हैं वहीं अगर बीजेपी की बात की जाए तो रंजना चौधरी को अगर बीजेपी की बात की जाए तो रंजना चौधरी को अगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित भी है तो संगठन की एका एक साथ कैसे खड़ी होंगी यह जरूर मायने रखेगा।