रायबरेली: लालगंज के एलटू अस्तपाल से कोरोना पाॅजिटिव शव को बैट्री रिक्शा से ले जाते परिजन


लालगंज-रायबरेली। प्रशासनिक अनदेखी के कारण कोरोना अस्तपाल एलटू में अव्यवस्थाएं बरकरार हैं। एक ओर जहां मरीजों का अस्पताल के भीतर कोई पुरसाहाल नहीं है वहीं दूसरी ओर मौत के मुंह में समाने वालों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को घंटों इंतजार के बाद अपनी ही व्यवस्था में लेकर जाना विवशता बनी हुई है। कोरोना संक्रमितोें के शवों का अंतिम संस्कार कोविड गाइड लाइन की धज्जियां उड़ रही हैं। इससे कोरोना संक्रमण पर अंकुश कैसे लगेगा इस पर सवाल उठ रहे हैं। कोरोना अस्पताल की बदहाली में मुख्य चिकित्साधिकारी की लापरवाही मानी जा रही है। अस्पताल के प्रभारी रहे आरके तिवारी के कोरोना पाॅजिटिव होने के बाद से मुख्य विकास अधिकारी ने लालगंज सीएचसी के अधीक्षक को वहां का प्रभारी बनाया लेकिन वह लालगंज सीएचसी में बैठ कर समूची व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं। डाक्टरों की कमी झेल रहे इस अस्तपाल में मरीजों के तीमारदार बेहद नाराज हैं। तीमारदारों ने कहा कि अस्तपाल में भारी अव्यवस्था के कारण मरीजों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोरोना से मरने वालों के शवों के अंतिम संस्कार में कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से उलंघ्न किया जा रहा है। कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के शवों को उनके परिजनों को ही दे दिया जा रहा है। शवों को संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए एम्बुलेस की भी कोई व्यवस्था नहीं रह गयी है। परिजनो को शव देने से कोरोना संक्रमण कितना रूकेंगा यह तो कोई भी सहज अंदाजा लगा सकता है। लोगों ने कहा कि एलटू अस्पताल से पहले तो शव लेने में कई-कई घंटे लग रहे हैं और उसके बाद शवों को ले जाने में लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। लेकिन तीमारदार मरता क्या न करता। अस्पताल की व्यवस्था की बदइंतजामी को लेकर कई बार मुख्यमंत्री से लेकर डीएम तक लोगों ने टॅवीट किया लेकिन बदहाली ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस अस्पताल की बदहाली से जिले के लोगों के मरने का सिलसिला जारी है इसके प्रति सत्तापक्ष व विपक्ष के प्रतिनिधियोें ने भी चुप्पी साध रखी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में समितियों को बना कर अस्पतालों की बदहाली रोक कर मरीजों का सुविधाएं देने का इंतजाम किया लेकिन लालगंज के एलटू अस्तपाल में मुख्यमंत्री के निर्देशों का कोई मतलब नहीं दिखाई दे रहा है।