बॉलीवुड की मशहूर और दिग्गज अभिनेत्री अरूणा ईरानी का जन्म 3 मई 1946 को हुआ था। उन्होंने फिल्मों में खलनायिका, हीरोइन व चरित्र अभिनेत्री के रूप में लंबे समय तक शानदार काम किया है। वह फिल्मों में अपने खास और अलग अभिनय करने के लिए जानी जाती हैं। अरूणा ईरानी ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर साल 1961 में फिल्म ‘गंगा जमुना’ से की थी। उस समय वह महज 9 साल की थी।
‘गंगा जमुना’ के हीरो दिलीप कुमार अरूणा ईरानी के अभिनय से काफी प्रभावित हुए और बच्ची अरुणा की खूब सराहना की थी। तब से अरुणा ने अपने अभिनय से कई लोगों के दिलों को जीता। मुख्य अभिनेत्री के तौर पर वह पहली बार साल 1972 में महमूद की फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म हिट साबित हुई। 1973 में राजकपूर की फिल्म ‘बॉबी’ में अपने दिलचस्प किरदार से अरूणा ईरानी ने जबरदस्त छाप छोड़ी। इसके बाद तो वह सशक्त चरित्र अभिनेत्री के रूप में मशहूर होती चली गईं।
गौरतलब है कि अरुणा ईरानी के पिता की एक थिएटर कंपनी थी। ऐसे में उनका कला के प्रति रुझान और समर्पण बचपन से ही रहा है। करियर की शुरूआत में उन्होंने ‘जहांआरा’, ‘फर्ज’ और ‘उपकार’ सहित कई फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए। फिर कॉमेडी किंग महमूद के साथ उनकी जोड़ी बनी जो ‘औलाद’, ‘हमजोली’, ‘नया जमाना’ जैसी फिल्मों में इस जोड़ी को खूब पसंद किया गया था।
अरुणा ईरानी ने अपने करियर में ‘गुनाहों का देवता’, ‘बड़ी दीदी’, ‘आन मिलो सजना’, ‘पाप और पुण्य’, ‘नागिन’, ‘चरस’, ‘कुर्बानी’, ‘बेटी नम्बर वन’ और ‘ये दिल आशिकाना’ सहित कई शानदार फिल्मों में काम किया। फिल्मों में अरुणा ईरानी मुख्य अभिनेत्री से ज्यादा सह कलाकार के तौर ज्यादा पहचान मिली है। उन्हें अलग तरह का अभिनय करने के लिए जाना जाता है।
अरुणा ईरानी ने अपने पूरे करियर में साढ़े 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर किया है। अपने शानदार अभिनय से उन्होंने एक बड़े दर्शक समूह के दिलों में जगह बनाई है। उन्होंने सहायक अभिनेत्री के रूप में फिल्मफेयर से लेकर कई अवार्ड जीते हैं। अरुणा ईरानी ने बड़े पर्दे के बाद छोटे पर्दे के लिए अभिनय किया है। वह ‘देश में निकला होगा चांद’, ‘कहानी घर घर की’, ‘मायका’, ‘झांसी की रानी’, ‘भाग्यलक्ष्मी’, ‘दिल तो हैप्पी है जी’ और ‘ये उन दिनों की बात’ सहित कई टीवी सीरियल्स में नजर आ चुकी हैं।