रायबरेली। :एनटीपीसी के काले पानी से कई प्रदेशों के पवित्र जल दूषित



ऊंचाहार ,रायबरेली। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लगातार हो रही मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन है ?
समाज में फैलते संक्रमण पर जवाबदेही किसकी?
कहीं एन टी पी सी के प्रदूषण के साथ मिलकर कोरोना वायरस की ताकत दो गुनी तो नहीं हो रही जिससे मौतों का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है ?
फिलहाल सवाल तो कई हैं लेकिन इन सवालों के जवाब से जिम्मेदार पीछे हट रहे हैं ,आखिर क्यों ये सवाल बड़ा है ?
गौरतलब है कि पिछले लंबे अर्से से एन टी पी सी की ऊंचाहार की इकाई से क्षेत्र में फ़ैल रहे प्रदूषण से न जाने कितने लोग तमाम गंभीर बीमारियों की चपेट मै आ गए और न जाने कितनों को मौत ने अपनी आगोश मे ले लिया।
दौर चल रहा है वैश्विक महामारी कोरोना का,जिसका संक्रमण चारो ओर तेजी से फ़ैल रहा है ऐसे में विशेषज्ञ साफ सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग मेन टेन करने पर जोर दे रहे हैं।
स्थितियां नाजुक हैं ऐसे में लोग अपने घरों पर दुबके हैं और कुछ लोग नजदीकी दार्शनिक स्थलों पर जाकर अपना व अपने परिवार की सलामती की दुआ मांग रहे हैं लेकिन दार्शनिक स्थलों पर भी संक्रमण फैला हुआ है।
चलिए हम आपको बताते हैं एन टी पी सी के काले पानी व उससे फ़ैल रहे संक्रमण की पूरी कहानी।
दरअसल एन टी पी सी की ऊंचाहार इकाई से निकलने वाला गंदा नाला ऊंचाहार देहात, व नगर से होते हुए पट्टी रहस कैथ वल के रास्ते कल्यानी गंगा तट के निकट सीधे गंगा नदी से जोड़ा गया है।


इस गंदा नाला के माध्यम से एन टी पी सी का सारा कचड़ा ,मल मूत्र आदि गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है। एन टी पीसी का काला पानी गंगा नदी तक ही नहीं ठहरता ये काला पानी गंगा जल के साथ प्रवाहित होकर ऐतिहासिक कुंभ नगरी संगम प्रयागराज के जल को भी दूषित करता है जो आगे बढ़कर देश के कई प्रदेशों तक फैलता ही जाता है और इसका भक्त गण श्रद्धालु इस जल का पान करते हैं।
जैसा कि हम सभी को पता है ये संक्रमण काल है और कोरोना वायरस को ताकत प्रदूषण से मिलती है ऐसी स्थिति में एन टी पी सी के प्रदूषण के साथ मिलकर कोरोना वायरस दोगुनी ताकत के साथ लोगों पर अटैक कर रहा है और लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहा है।
प्रदर्शित तस्वीर में आप स्वयं ही एन टी पी सी के काला पानी को देख सकते हैं।