मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि अगर कोई ऑक्सीजन सिलेंडर लेने जाता है तो, डाक्टर की पर्ची दिखाने पर ही सिलेंडर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि रेमेडेसिवर, जीवन रक्षक दवाओं तथा ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों पर गैंगस्टर, एनएसए लगाया जायेगा और ऐसे लोगों की सम्पत्ति भी जब्त की जायेगी।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अनावश्यक रूप से हर आदमी आक्सीजन के पीछे न भागे। जिसे डाक्टर ने जिसे आक्सीजन की आवश्यकता बताया है, उसे ही आक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलों में कोविड बेड बढ़ाने का कार्य में निरन्तर, जिसमें 200-200 बेड बढ़ाने की प्रक्रिया की जा रही है।
लखनऊ में केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल को पूर्णतया कोविड अस्पताल बनाकर लगभग पांच हजार आसीयू बेड तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में आक्सीजन नियंत्रित करने के लिए कन्ट्रोल रूम बनाया गया है, आक्सीजन की किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, लेकिन आक्सीजन की व्यवस्था निरन्तर की जा रही है। एक नया साफ्टवेयर लगाया गया है जिसके माध्यम से अस्पतालों को कब और कैसे कितनी आक्सीजन जा रही है।
इस साफ्टवेयर के माध्यम से लोकेशन को ट्रैक किया जाएगा। ऐसी स्थिति नहीं आने दी जा रही है कहीं भी आक्सीजन की वजह से कहीं किसी मरीज को परेशानी का सामना करना पड़े। कुछ लोगों द्वारा इसे अफवाह बनाकर सोशल मीडिया पर पैनिक फैलाने की कोशिश की जा रही है। सरकार इस पर भी नजर रख रही है। सभी से अपील है कि हर किसी को अलग से आक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है। लगभग 95 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।