इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 14वें सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स ने जीत के साथ आगाज किया था। केकेआर ने सनराइजर्स हैदराबाद को आइपीएल 2021 के अपने पहले मैच में 10 रन से हराया था। इसके बाद से लगातार टीम को हार का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ केकेआर ने टूर्नामेंट की अपनी लगातार चौथी हार झेली। हार का कारण वैसे तो खिलाड़ियों का एकजुट प्रदर्शन नहीं करना है, लेकिन केकेआर की टीम अपने विदेशी खिलाड़ियों का मैनेजमेंट नहीं कर पा रही है और यही टीम के लिए हार का कारण बन रहा है।
दरअसल, कोलकाता की टीम के पास आइपीएल 2021 के लिए विदेशी खिलाड़ियों के रूप में कप्तान इयोन मोर्गन के अलावा पिछले साल के आइपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी पैट कमिंस हैं। उनके अलावा केकेआर के पास आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, शाकिब अल हसन, लौकी फर्ग्यूसन, बेन कटिंग और टिम साइफर्ट हैं। केकेआर की टीम कप्तान इयोन मोर्गन के साथ तो उतरेगी ही चाहे वह फॉर्म में हों या न हों। ऐसे में सिर्फ तीन ही विदेशी खिलाड़ी आपको खिलाने होंगे, लेकिन केकेआर की टीम उन खिलाड़ियों का अच्छे से मैनेजमेंट नहीं कर पा रही है।
कप्तान मोर्गन और तेज गेंदबाज पैट कमिंस को छोड़ दिया जाए तो केकेआर ने आंद्रे रसेल, सुनील नरेन और शाकिब अल हसन को ही अभी तक मौका दिया है, लेकिन इन खिलाड़ियों से कोलकाता का मैनेजमेंट उनका सौ फीसदी नहीं निकलवा पा रहा है। आंद्रे रसेल को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता है, जो कि उनके जैसे बल्लेबाज के लिए पूरी तरह से खराब नंबर है। वहीं, सुनील नरेन को टीम मध्य क्रम में नीचे बल्लेबाजी के लिए भेजती है, जो कि ओपनर के तौर पर फेमस हैं। शाकिब अल हसन भी बतौर गेंदबाज और बल्लेबाज उतने किफायती नहीं दिखाई दे रहे हैं।
केकेआर की समस्या कैसे हो सकती है हल
अगर आंद्रे रसेल को ज्यादा गेंदें खेलने को मिलती हैं तो वे बड़ा स्कोर बना सकते हैं। इसके अलावा सुनील नरेन को अगर प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जा रहा है तो किसी भी स्थिति में उनसे ओपनिंग कराई जाए, क्योंकि वे पावरप्ले में आपको अच्छी शुरुआत दिला सकते हैं। इसके अलावा कप्तान इयोन मोर्गन को अपने लिए एक ऐसा स्थान सुनिश्चित करना होगा, जिस पर वे तेज भी बल्लेबाजी कर पाएं और जरूरत पड़ने पर धीमी गति से भी रन बना सकें।