मशहूर इस्लामी विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने कहा है कि धर्मशास्त्र और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. जनवरी 2000 में वहीदुद्दीन खान को भारत का तीसरा सर्वोच्च अवॉर्ड पद्म भूषण से उन्हें नवाजा गया था. फिर उन्हें जनवरी 2021 में भारत के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया गया.
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन से दुख हुआ. धर्मशास्त्र और अध्यात्म के मामलों में गहरी जानकारी रखने के लिए उन्हें याद किया जाएगा. वह सामुदायिक सेवा और सामाजिक सशक्तीकरण को लेकर भी बेहद गंभीर थे. परिजनों और उनके असंख्य शुभचिंतकों के प्रति मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.”
मौलाना वहीदुद्दीन खान का बुधवार को 96 साल की उम्र में राजधानी दिल्ली में निधन हो गया. वह हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बधरिया गांव में 1 जनवरी साल 1925 को पैदा हुए वहीदुद्दीन खान को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. उन्हें मदर टेरेसा की तरफ से नेशनल सिटिजनस अवॉर्ड और साल 2009 में राजीव गांधी नेशनल सद्भावना पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल के संरक्षण में उन्हें डेम्यर्जस पीस इंटरनेशनल अवॉर्ड दिया गया. मौलाना वहीदुद्दीन ने कुरान का अंग्रेजी में आसान अनुवाद किया और कुरान पर टिप्पणी भी लिखी है. वह बड़े इस्लामी विद्वानों में गिने जाते थे. उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.