चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इतनो की लड़ाई के मैदान में घायल होने के बाद मौत हो गई। वह तीन दशकों से अधिक समय से मध्य अफ्रीकी देश के राष्ट्रपति थे। सेना ने राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो पर मंगलवार को यह घोषणा की।
यह घटना चुनाव में उन्हें विजेता घोषित किये जाने के कुछ ही घंटे बाद हुई। इस चुनाव में जीत से छह और वर्षों के कार्यकाल के लिये सत्ता में डेबी के बने रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया था।
सेना ने मंगलवार को कहा कि डेबी बहादुरी से लड़े लेकिन लड़ाई में घायल हो गए। उन्हें राजधानी ले जाया गया, जहां जख्म की वजह से उनकी मौत हो गई।
सेना ने तुरंत राष्ट्रपति डेबी के पुत्र महामत इदरिस डेबी इतनो को मध्य अफ्रीकी देश का अंतरिम नेता घोषित किया। वह अपने 68 वर्षीय पिता की जगह लेंगे।
कुछ पर्यवेक्षकों ने घटनाक्रम पर तत्काल सवाल खड़े किये।
नाइजीरिया के वकील और दक्षिण अफ्रीका स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स में शोधार्थी अयो सोगुनरो ने कहा कि चाड के कानून के तहत राष्ट्रपति की मौत होने पर उनका कार्यकाल परिवार के सदस्यों द्वारा नहीं बल्कि नेशनल असेंबली द्वारा पूरा किया जाता है।
सोगुनरो ने मंगलवार को ट्वीट किया, ”सेना का सत्ता पर कब्जा करना और फिर राष्ट्रपति के पुत्र को इसे सौंप देना–यह तख्तापलट और असंवैधानिक है।”
उन्होंने अफ्रीकी संघ से सत्ता के हस्तांतरण की निंदा करने की अपील की।
महामत को उत्तरी माली में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सहायता कर रहे चाड के बलों के शीर्ष कमांडर के रूप में जाना जाता है।
सेना ने बताया कि महामत 18 महीने के संक्रमणकालीन परिषद का नेतृत्व करेंगे। साथ ही सेना ने शाम छह बजे से रात्रि कर्फ्यू लगाने की भी घोषणा की। सेना ने शांति की अपील करते हुए देश की जमीनी और वायु सीमाएं बंद कर दीं। इस घटनाक्रम से पैदा हुए डर की वजह से राजधानी एनजमीना में लोग अपने घरों में ही रहे।
जनरल अजीम बरमनडोआ अगौमा ने कहा, ”इन चिंताजनक हालात के मद्देनजर चाड के लोगों को शांति, स्थिरता और राष्ट्रीय एकजुटता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिये।”
डेबी की किन परिस्थितियों में मौत हुई उसकी फिलहाल स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि घटनास्थल सुदूर क्षेत्र में स्थित है।
अभी यह भी ज्ञात नहीं है कि राष्ट्रपति उत्तरी चाड में अग्रिम क्षेत्र में क्यों गए या उनके शासन का विरोध कर रहे विद्रोहियों के साथ संघर्ष में उन्होंने क्यों हिस्सा लिया।
सेना के पूर्व कमांडर-इन-चीफ डेबी 1990 में सत्ता में आए जब विद्रोही बलों ने तत्कालीन राष्ट्रपति हिसेन हबरे को पद से हटा दिया। बाद में उन्हें सेनेगल में अंतरराष्ट्रीय अधिकरण ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का दोषी ठहराया था।
इन वर्षों में डेबी ने कई सशस्त्र विद्रोह का सामना किया लेकिन उससे पार पाकर सत्ता में बने रहे। उनके खिलाफ इस नयी बगावत का नेतृत्व खुद को ‘फ्रंट फॉर चेंज’ और ‘कॉन्कॉर्ड इन चाड’ बताने वाला समूह कर रहा है।
ऐसा समझा जाता है कि विद्रोही हथियारबंद थे और उन्हें पड़ोसी लीबिया में प्रशिक्षण मिला था। उसके बाद वे 11 अप्रैल को उत्तरी चाड में घुसे।