पूरे देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के करीब 2 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि लगातार दूसरे दिन एक हजार से अधिक मौतें हुई हैं। कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ने के मुकाबले कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर में गिरावट आई है। मृत्यु दर में भी नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। लोगों के अंतिम संस्कार के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले चार दिनों में राजधानी दिल्ली में अकेले 240 मौतें हुईं हैं, जिससे श्मशान और कब्रिस्तान दोनों जगहों पर अंतिम संस्कार के लिए भीड़ लगी हुई है।
लखनऊ में कोरोना के साथ-साथ सामान्य मौतें बढ़ीं
लखनऊ के भैसाकुंड श्मशान घाट पर पिछले सात दिनों से काफी संख्या में सामान्य शवों के पहुंचने से महापात्र भी आश्चर्यचकित हैं? कोविड संक्रमित शवों की तरह ही अब नॉन कोविड शवों की संख्या कम नहीं हो रही है। महापात्र राजेंद्र मिश्र का कहना है कि अभी तक सामान्य दिनों में 15 से बीस शव ही आते थे। पिछले सात दिनों में चालीस से लेकर 55 तक नॉन कोविड शव आ रहे हैं। महापात्र का यह सवाल ही इस हकीकत पर भी मुहर लगा रहा है कि कोरोना संक्रमण की जांच न होने और इलाज मिलने के अभाव में भी लोग घरों में दम तोड़ रहे हैं। घर वाले भी नॉन कोविड शव बताकर उनका दाह संस्कार सामान्य श्मशानघाट पर कर रहे हैं।
लखनऊ के गुल्लालाघाट पर भी सामान्य दिनों में सात से आठ शव ही पहु़ंचते थे, लेकिन पिछले सात दिनों में नॉन कोविड शवों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। पिछले बुधवार को ही नॉन कोविड शव 61 हो गए थे। महापात्र विनोद पांडेय का कहना है कि पहली बार इतने शव आ रहे हैं। वैसे गुल्लालाघाट पर सामान्य दिनों में सात से आठ शव ही आते थे और कभी-कभी यह संख्या दस के करीब हो जाती थी लेकिन हर दिन चालीस से पैतालिस शव आ रहे हैं और बुधवार को 61 नॉन कोविड शव आ गए।