चुनाव आयोग ने क्यों लिया फैसला ? चुनावी राज्यों में वोटिंग से 72 घंटे पहले बाइक रैलियों पर लगाई गई रोक

चुनाव आयोग ने सोमवार को चुनावी राज्यों में वोटिंग से 72 घंटे पहले तक बाइक रैली निकालने पर रोक लगा दी है। यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि आयोग का मानना है कि कई बार इस तरह की रैलियां वोटरों को डराने के लिए निकाली जाती हैं।

चुनाव आयोग ने कहा, ”यह चुनाव आयोग के नोटिस में लाया गया था कि कुछ जगहों पर मतदान से पहले और / या मतदान के दिन मतदाताओं को धमकाने के लिए असामाजिक तत्वों द्वारा बाइक का इस्तेमाल किया जाता है। चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि 72 घंटे पहले किसी भी स्थान पर बाइक रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

बता दें कि असम, बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की शुरुआत होने वाली है। बंगाल में पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि सभी राज्यों में वोटों की काउंटिंग एक साथ दो मई को होगी। चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को चुनाव करवाने के लिए तारीखों का ऐलान किया था। कोरोना वायरस के बीच में हो रहे इन चुनावों के दौरान सख्त नियम लागू किए गए हैं। वोटिंग के समय मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन करना आवश्यक किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया था कि सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से पोलिंग स्टेशनों में भी बढ़ोतरी की गई है। बंगाल में आठ चरणों में वोटिंग होगी, जहां पर 1.1 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि असम में 126, तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294, केरल में 140 और पुडुचेरी में 30 सीटों के लिए मतदान होगा।