जॉर्डन (Jordon) में तख्तापलट की खबरों के सामने आने के बाद से ही इस देश की चर्चा दुनियाभर में होने लगी है. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि एक पूर्व क्राउन प्रिंस विदेशी मदद के जरिए राज परिवार को अस्थिर करना चाहते थे. इसे नाकाम कर दिया गया है. दूसरी ओर, ये पूर्व क्राउन प्रिंस उस दावे के उलट है, जिसमें उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अयोग्यता के आरोप लगाये जाने के कारण उन्हें दंडित किया जा रहा है. वहीं, अमेरिका और अरब की सरकारों ने जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय (King Abdullah II) का समर्थन किया है.
प्रिंस हमजा (Prince Hamzah) के शाह अब्दुल्ला का नाम लिए बगैर सत्तारूढ़ वर्ग की आलोचना करने से जॉर्डन में कुशासन और मानवाधिकारों के हनन (Human rights abuses) को लेकर बढ़ती शिकायतों का मामला और तूल पकड़ सकता था. लेकिन शाह के कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने सौतेले भाई को नजरबंद करने और उस पर गंभीर आरोप लगाने से यह स्पष्ट है कि वह किस हद तक जनता का असंतोष बर्दाशत करने को तैयार हैं.
जॉर्डन के विदेश मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री अयमान सफादी (Ayman Safadi) ने कहा, राजपरिवार की स्थिरता और सुरक्षा सर्वोपरि है. उन्होंने हमजा और जॉर्डन के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर विदेशी मदद से सत्ता को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए कहा, इस साजिश को पूरी तरह से नाकाम कर दिया गया है. हमजा (Prince Hamza) ने गोपनीय रूप से रिकॉर्ड किये गये एक वीडियो में कहा था कि उन्हें नजरबंद (House Arrest) कर दिया गया है. यह वीडियो मीडिया में लीक हो गया था.
वीडियो में हमजा (41) ने जॉर्डन के सत्तारूढ़ वर्ग पर भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का आरोप लगाया है. वहीं, हमजा की मां नूर ने रविवार को ट्वीट किया, प्रार्थना करती हूं कि सभी बेकसूर पीड़ितों को न्याय मिलेगा. ईश्वर उनका भला करे और सुरक्षित रखे. अब्दुल्ला और हमजा दोनों दिवंगत शाह हुसैन (King Hussein) के पुत्र हैं. शाह हुसैन बेहद लोकप्रिय राजा थे. 1999 में अब्दुल्ला ने हमजा को क्राउन प्रिंस घोषित किया था.
हमजा जॉर्डन में एक लोकप्रिय शख्सियत हैं जिन्हें बहुत नेकदिल और उदारवादी माना जाता है. लेकिन सफादी ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में इसके बिल्कुल उलट उनकी तस्वीर पेश की और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाया. सफादी ने हालांकि यह नहीं बताया कि क्या इन अपराधों के लिए युवराज पर मामला चलाया जायेगा या सौहर्दपूर्ण तरीके से इसे सुलझाने का प्रयास किया जायेगा. अमेरिका और सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर, ओमान और कुवैत समेत अन्य खाड़ी देशों ने अब्दुल्ला का समर्थन किया है.