बच्चों के देर से बोलने की ये भी हो सकती हैं वजहें

बहुत सारे बच्चे अपनी उम्र के अनुसार उतना नहीं बोल पाते हैं जितना उनकी उम्र के बाकी बच्चे बोल रहे होते हैं. इनमें कुछ बच्चे तो ऐसे होते हैं जो लोगों को देखकर धीरे-धीरे बोलना शुरू कर देते हैं लेकिन कुछ ऐसा नहीं कर पाते हैं. कई बार तो वजह होती है उनका स्वभाव और शारीरिक विकास जो अलग-अलग होता है. तो कई बार वजह कुछ और भी हो सकती हैं. जिसको समझने की ज़रूरत माता-पिता को है. आइये यहां जानते हैं बच्चों के देर से बोलने की वजहों के बारे में.

कान में इन्फेक्शन

बच्चे को जन्म के समय या जन्म लेने के कुछ समय बाद अगर कान में इन्फेक्शन हो चुका है, तो इससे बच्चे की बोलने की क्षमता प्रभावित होती है जिसकी वजह से बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं.
ठीक से सुन और समझ न पाना

कभी-कभी बच्चे कान में किसी दिक्कत की वजह से ठीक तरह से सुन और समझ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से भी वो देर से बोलना शुरू करते हैं.

समय से पहले पैदा होना

जो बच्चे निर्धारित समय से पहले यानी प्रीमेच्योर पैदा होते हैं. उनको कई बार इस तरह की दिक्कतें आती हैं. वो देर से बोलना, देर से सुनना, देर से समझना और देर से बाकी गतिविधियां करना शुरू करते हैं.

बाक़ी एक्टिविटीज़ में इंट्रेस्ट

कई बार बच्चा बोलता नहीं है या कम बोलता है लेकिन बाकी सभी गतिविधियां सही तरह से करता है. उसके कम बोलने की वजह बाकी एक्टिविटीज़ में इंट्रेस्ट लेना भी हो सकता है.

न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम

बच्चा अपनी उम्र के अनुसार अगर बोलने में देर कर रहा है और कई सारे हमउम्र बच्चों के साथ रहने पर भी बोलना शुरू नहीं कर रहा है, तो इस बात की भी संभावना है कि बच्चे में न्यूरोलॉजिकल डिसएबिलिटी हो.

ऑटिज्म

बच्चे के देर से बोलने की वजह कभी-कभी ऑटिज्म भी हो सकती है. बच्चा कम बोलता या नहीं बोलता है और उसको भाषा समझने में भी दिक्कत होती है, तो उसे ऑटिज्म डिसऑर्डर हो सकता है.

एंकलोग्लोसिया

कई बार बच्चा सब समझता है और बोलना भी चाहता है लेकिन बोल नहीं पाता है तो इसकी वजह एंकलोग्लोसिया भी हो सकती है. इसे जीभ-टाई के नाम से भी जाना जाता है. इस स्थिति में बच्चे की जीभ पूरी तरह से मूवमेंट नहीं कर पाती है.