युवा भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा है कि उन्होंने हाल ही में संपन्न इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में कुछ अलग नहीं किया। राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ यहां दूसरे वनडे मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा, ‘टी-20 सीरीज के दौरान मैं तनाव में भी नहीं था। जाहिर तौर पर एक खिलाड़ी के रूप में बेंच पर बैठ कर आप निराश होते हैं। मैं पिछली बार तीन-साढ़े महीने पहले खेला था, इसलिए मैं काफी उत्साहित था और आगे भी टी-20 श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। हर क्रिकेटर और टीम का हर खिलाड़ी ऐसा करना चाहता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं होता और हम इसे स्वीकार करते हैं।’
भारत के विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात मेरी टीम में वापसी थी। पीछे मुड़कर देखा तो खुद से सवाल किया कि क्या मैंने अच्छी तरह से तैयारी की है। जब मैंने इसके बारे में सोचा तो मैंने सब कुछ सही किया। अगर इसके बाद मैं रन नहीं बनाता तो मैं इसे स्वीकार करता। यह कहने के बाद यह मतलब नहीं होता कि आप निराश महसूस नहीं करते। आप निराश महसूस करते हैं, क्योंकि आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और आप उच्च स्तर पर खेल रहे हैं। आप प्रदर्शन करते रहना चाहते हैं और अपनी टीम के लिए खेल जीतते रहना चाहते हैं, लेकिन आपको हमेशा यह स्वीकार करना होगा कि चीजें हमेशा आपके अनुकूल नहीं रहेंगी।’
राहुल ने कहा, ‘आपको कई बार धैर्य रखना होता है। पिछले दो-ढाई साल से मुझे जो भी भूमिकाएं और जिम्मेदारियां दी गईं उन्हें मैं बखूबी निभा रहा हूं। जब चीजें सही हो रही थी तो मैंने अपनी प्रक्रिया, अपने जुनून या खेल के प्रति मेरी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठाया या मैं कैसे तैयारी कर रहा था, इसलिए मैं पीछे हटना नहीं चाहता था और ज्यादा नहीं सोचना चाहता था। हमें कई बार इसे स्वीकार करना पड़ता है।’