भाजपा अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह ने उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्व में असम तक भाजपा का झंडा फहरा दिया था। अब जिस तरह से शाह ने बंगाल में जीत का बीड़ा उठाया है, उससे साफ है कि इस प्रदेश में भी भगवा फहराने का संकल्प उन्होंने ले लिया है। वह बंगाल में विधानसभा चुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं। अमित शाह कहते हैं, ‘बंगाल में जनता दीदी से ऊब चुकी है, जबकि कांग्रेस के लिए न असम में कुछ बचा है और ना ही बंगाल में।’ 200 से अधिक सीटें जीतने के दावे पर वह कहते हैं, 2019 में हमने 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। तब लोगों के मन में शंका थी। अब तो लोगों को हमारी जीत पर यकीन है। बंगाल में धार्मिक ध्रुवीकरण के आरोप से लेकर असम में विकास की गाथा तक उन्होंने कई अहम बिंदुओं पर विस्तार से अपनी बात रखी। प्रस्तुत हैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता नीलू रंजन की बातचीत के प्रमुख अंश:-
लोकसभा चुनाव में हम 18 सीटें जीते और तीन सीटें हम 5000 से कम के अंतर से हारे। वह भी तब जब लोगों के मन में आशंका थी कि भाजपा जीत सकती है या नहीं। अब तो लोगों को भाजपा की जीत पर यकीन है। आज की तारीख में 85 फीसद बूथों पर हमारा संगठन बन चुका है।
जनता के मन में जो मुद्दे हैं यदि उन्हें उठाना धार्मिक ध्रुवीकरण है तो यह धार्मिक ध्रुवीकरण की नई परिभाषा सुन रहे हैं। हम कह रहे हैं कि दुर्गा पूजा बेरोकटोक होनी चाहिए। इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। आपने क्यों रोका? क्या वह ध्रुवीकरण नहीं था? हम कह रहे हैं कि सरस्वती पूजा होनी चाहिए। क्यों रोकी आपने? क्या वह ध्रुवीकरण नहीं था। कोई रमजान मनाये, हमें कहां आपत्ति है। कोई क्रिसमस भी मनाए, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा पर तो रोक नहीं लगा सकते।
यह तो दीदी पर निर्भर करता है, पर बंगाल की जनता मोदी जी को देखना चाहती है। इसीलिए उनकी सभाओं में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है।