बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मशहूर टीवी धारावाहिक रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। गोविल ने कहा कि जय श्रीराम कहने से तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की चिढ़ ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। भाजपा महासचिव अरुण सिंह और केंद्रीय मंत्री देबश्री चौधरी की मौजूदगी में गोविल ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा में उनका स्वागत करते हुए सिंह ने कहा कि गोविल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, गोविल ने रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। पिछले साल लॉकडाउन में जब शो का पुनर्प्रसारण किया गया तो इसे 7.7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा।
इस अवसर पर गोविल ने कहा कि ममता बनर्जी को जय श्रीराम कहने से एक तरह की एलर्जी है। उन्हें समझना चाहिए कि भगवान श्रीराम हमारे आदर्श हैं। गोविल ने कहा कि जय श्रीराम कहने में कुछ भी बुरा नहीं है। यह कोई राजनीतिक नारा नहीं है। यह हमारे लिए जीने का तरीका है। यह हमारी संस्कृति और संस्कार का प्रतिनिधित्व करता है।
यह पूछे जाने पर कि रामायण के उनके कुछ साथी कलाकार पहले ही राजनीति में आ चुके हैं। फिर उन्होंने इतनी देरी क्यों की, गोविल ने कहा-हर चीज में भाग्य की एक निश्चित भूमिका होती है। मेरे कुछ साथी राजनीति में उस वक्त आए थे, जब वे करियर के शीर्ष पर थे। अरुण गोविल ने कहा मैंने यह कदम तब उठाया है, जब रामायण को ऑफ स्क्रीन हुए लगभग 33 साल हो चुका है। गोविल ने कहा कि भाजपा उन्हें राष्ट्र की सेवा करने के लिए मंच देगी। बताते चलें कि चुनावी राज्य बंगाल में भाजपा की रैलियों और कार्यक्रमों में जय श्रीराम का नारा जोरशोर से सुनाई दे रहा है। वहां भाजपा तृणमूल सरकार को कड़ी चुनौती पेश कर रही है और विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीदें लगाए है।
गौरतलब है कि पिछले साल लॉकडाउन लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने दूरदर्शन पर रामायण सीरियल का फिर से प्रसारण शुरू किया था। लॉकडाउन में लोगों ने इसे खूब पसंद भी किया था। गोविल ने अभी तक किसी राजनीतिक दल से जुड़ने से बचते रहे थे।
बता दें कि अरुण गोविल पहले रामायण के ऐसे कलाकार नहीं हैं जो राजनीति में उतरे हों। भाजपा के टिकट पर ही ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने साल 1991 में चुनाव लड़ा था। उस वक्त उन्होंने गुजरात के साबरकांठा सीट से चुनाव जीता था। ‘रामायण’ की ‘सीता’ यानी दीपिका चिखलिया ने भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने 1991 में गुजरात की बड़ोदा सीट पर चुनाव लड़ा था और जीता भी। वहीं, दारा सिंह भी भाजपा के साथ जुड़े और 2003 से 2009 तक राज्यसभा के नामित सदस्य रहे। हालांकि रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल की सियासी पारी को लेकर हमेशा चर्चा होती रही, लेकिन वे राजनीति के अखाड़े में अब तक नहीं उतरे थे।