भारत और कुवैत ने आपसी संबंध बढ़ाने के लिए संयुक्त मंत्री आयोग गठित करने का फैसला किया है। यह आयोग ऊर्जा, व्यापार, निवेश, श्रमशक्ति और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए ढांचा तैयार करेगा। यह फैसला विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके कुवैती समकक्ष शेख अहमद नासेर अल मुहम्मद अल सबा के बीच बैठक के दौरान लिया गया। जयशंकर ने द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए अल सबा के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की।
कुवैत के विदेश मंत्री 18 घंटे की यात्रा पर बुधवार शाम यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत के विदेश मंत्री ने कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड की आपूर्ति के लिए भारत को धन्यवाद दिया है। इससे पहले जयशंकर ने ट्वीट किया कि बुधवार सुबह विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ कुवैत के विदेश मंत्री अल सबा का स्वागत करके खुशी हुई। उन्होंने कहा, हमारे द्विपक्षीय एजेंडे और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर लाभकारी चर्चा हुई।
जयशंकर ने कहा, हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को और आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ संयुक्त आयोग की बैठक की सह अध्यक्षता करूंगा। कुवैत भारत को कच्चे तेल और एलपीजी का एक विश्वस्त आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। ऐतिहासिक रूप से भारत-कुवैत के रिश्तों में हमेशा से अहम व्यापारिक आयाम रहा है।
भारत लगातार कुवैत के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 में कुवैत भारत का 10वां सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था और उसने भारत की ऊर्जा जरूरतों का लगभग 3.8 प्रतिशत पूरा किया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 में कुवैत के साथ भारत का 10.86 अरब डॉलर (लगभग 79,000 करोड़ रुपये) का द्विपक्षीय व्यापार रहा