इमरान खान सरकार देश चलाने में ‘असमर्थ’: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट

पिछले दो महीनों से कॉमन काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) की बैठक बुलाने में अपनी विफलता पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार को फटकार लगाई।

जियो न्यूज के मुताबिक, जस्टिस काजी फौज इसा के साथ दो सदस्यीय खंडपीठ में स्थानीय निकाय चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का असंतोष सामने आया।

उस जनगणना को रेखांकित करना देश को चलाने के लिए एक बुनियादी आवश्यकता थी, न्यायमूर्ति ईसा ने कहा, “क्या जनगणना के परिणाम जारी करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है? तीन प्रांतों में सरकार [पीटीआई] होने के बावजूद परिषद में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है? या तो सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है, या वह निर्णय लेने में असमर्थ है।”

उन्होंने आगे पूछा कि सीसीआई रिपोर्ट को गोपनीय क्यों रखा गया था। अच्छे कर्मों को गुप्त रखा जाता है? तो यह सवाल उठाता है।”

जियो न्यूज ने बताया कि न्यायाधीश ने पूछा कि क्या देश इस तरीके से चलेगा, देश को यह जानने की जरूरत है कि प्रांत और केंद्र क्या कर रहे हैं।

दो सदस्यीय पीठ ने पंजाब स्थानीय सरकारी अध्यादेश के प्रचार पर भी रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है और एक व्यक्ति के अनुरोध पर पूरी पंजाब विधानसभा को दरकिनार कर दिया गया।

इस बीच, अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) ने अदालत को बताया कि सीसीआई 24 मार्च को बैठक करेगा। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और सरकार सर्वसम्मति से निर्णय करना चाहती है।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ