ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर कांग्रेस में रहे होते मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन भाजपा में वह बैकबेंचर बनकर रह गए हैं। राहुल गांधी के इस बयान पर अब खुद मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद ने जवाब दिया है। सिंधिया ने कहा है कि राहुल गांधी जिस तरह आज चिंतित हैं, अगर इसी तरह उन्होंने उस समय चिंता जताई होती जब मैं कांग्रेस में था, तो स्थिति ही अलग होती।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस संगठन के महत्व के बारे में पार्टी के यूथ विंग से बात करते हुए सोमवार को राहुल गांधी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर कांग्रेस में होते तो वे मुख्यमंत्री बन गए होते, लेकिन वह भाजपा में बैकबेंचर बन गए हैं। उनके पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ काम करके संगठन को मजबूत करने का विकल्प था। मैंने उनसे कहा था कि एक दिन आप मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने आगे कहा लिख लें, वे वहां (भाजपा) कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्हें इसके लिए यहां वापस आना होगा। उन्होंने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को आरएसएस की विचारधारा से लड़ने और किसी से न डरने की हिदायत दी।
बता दें पिछले साल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ टकराव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके साथ उनके समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी थी, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। वह कांग्रेस के साथ लगभग 18 साल जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया राज्यसभा के सदस्य बने। सिंधिया से पहले राहुल के बयान पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पलटवार किया है और कहा है कि जो लोग दो साल में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना पाए वो मुख्यमंत्री बनाने की बातें कर रहे हैं।