यौन उत्पीड़न टेप मामले में कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जरकीहोली के इस्तीफे के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। अब कर्नाटक के छह मंत्रियों ने बेंगलुरु के एक कोर्ट का रूख करके मामले से जुड़ी खबरों पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट का रूख करने वाले मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार के छह मंत्रियों में श्रम मंत्री शिवराम हेब्बार, कृषि मंत्री बीसी पाटिल सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री के सुधाकर के अलावा युवा सशक्तिकरण और खेल मंत्री के सी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भिरथी बसवराज शामिल हैं। उनकी संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बाद, एडिशन सीटी सिविल सेशन जज ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है।
ये छह मंत्री उन 17 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था। इसके चलते जुलाई 2019 में कुमारास्वामी सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बना लिया। अपने संबंधित दलों कांग्रेस और जेडीएस से अयोग्य घोषित होने के बाद विधायक, भाजपा में शामिल हो गए थे। दिसंबर 2019 में भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद मंत्री बनाए गए। यौन उत्पीड़न टेप सामने आने के बाग इस्तीफा देने वाले जरकीहोली भी उन 16 विधायकों में से एक हैं।
बता दें कि कर्नाटक के समाचार चैनलों में पिछले दिनों एक वीडियो क्लिप सामने आया था,जिसमें रमेश एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखे गए। सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश कलाहल्ली ने नौकरी के नाम पर यौन उत्पीड़न करने और महिला व उसके परिवार को धमकाने का आरोप लगाते हुए मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा सौंपते हुए रमेश ने कहा,’मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और इनकी जांच होनी चाहिए। मुझे अपने निर्दोष होने पर भरोसा है। नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद रमेश ने इस्तीफा दिया है।
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आदर्श कुमार
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