केंद्र को EC का निर्देश, चुनावी राज्यों में कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटे प्रधानमंत्री की तस्वीर

कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को वह चुनाव के नियमों का अक्षरश: पालन करने का आदेश दिया है। बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का जिक्र किया है जो सरकारी खर्च पर विज्ञापन पर रोक लगाते हैं। चुनाव आयोग और मंत्रालय के बीच हुए संवाद से अवगत सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने अपने इस आदेश में किसी व्यक्ति या पार्टी का हवाला नहीं दिया है और कहा कि वह आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करे।

सूत्र के अनुसार, अब स्वास्थ्य मंत्रालय को फिल्टर का उपयोग करना पड़ेगा ताकि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां कोविड-19 वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित न हो। हालांकि  सिस्टम में इस फिल्टर को अपलोड करने में समय लगेगा। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और अन्य चुनावी राज्यों में को-विन प्लेटफॉर्म के जरिए प्राप्त किए जाने वाले कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर होना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। पार्टी ने तस्वीर को प्रधानमंत्री द्वारा अधिकार का दुरुपयोग करार दिया है।

पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में  26 फरवरी से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। बता दें कि प्रधानमंत्री की तस्वीर वाला वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट कोविड-19 वैक्सीन लेने वालों को दिया जाता है। जिसके खिलाफ चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शिकायत की और चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के पास आपत्ति दर्ज किया। सांसद ने अपनी शिकायत में कहा कि चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन का श्रेय लेकर प्रचार कर रहे हैं, जो एक सरकारी प्लेटफार्म है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।  

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ