मिशन शक्ति अभियान के तहत आज दिनांक 03 मार्च 2021 को श्रम प्रवर्तन अधिकारी आर के चतुर्वेदी के द्वारा जनपद के उरई शहर में बाल श्रम उन्मूलन एवं पुुनर्वासन हेतु बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथा संसोधित अधिनियम 2016 के अंतर्गत चाइल्ड लाइन, बाल संरक्षण विभाग एवं पुलिस विभाग के सहयोग से अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान स्टेशन रोड, भगत सिंह चैराहा एवं दलगंजन चैराहा आदि रोड पर स्थित आटो वर्कशाप की दुकानें, किराना स्टोर, होटल एवं पिज्जा हट आदि में बच्चे कार्यरत पाये गये। जिन दुकानों में बच्चे नियोजित पाये गये उन प्रतिष्ठानों के नियोजकों के विरूद्ध निरीक्षण टिप्पणी निर्गत कर उनसे जबाव मांगा गया है। जबाव संतोषजनक न होने की दशा में नियोजकों के विरूद्ध नियमानुसार वैद्यानिक कार्यवाही की जायेगी। श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा बताया गया कि 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी कार्य/व्यवसाय में नियोजित नहीं किया जा सकता है जबकि 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों को कतिपय शर्तो के अधीन ही नियोजित किया जा सकता है। श्रम अधिकारी द्वारा सभी व्यापारी बन्धुओं से अपील की जा रही है कि वे अपने यहां 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नियोजित न करें। अन्यथा अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियोजकों के विरूद्ध 50 हजार रूपये तक का जुर्माना एवं 02 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
अभियान के दौरान, चाइल्ड लाइन के कोर्डिनेटर शिवमंगल सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी जूली खातून, काउंसलर प्रवीणा यादव तथा श्रम कार्यालय के इन्द्रपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-रेहान रजा