कछौना (हरदोई): यूपी सरकार जहाँ एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की तमाम दावे करती हैं वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत में ये दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं।ताजा मामला जनपद की कछौना सीएचसी से जुड़ा हुआ है जहाँ सीएचसी अधीक्षक के संरक्षण व मोटे कमीशन के लालच में डाक्टरों द्वारा बाहर की दवाएँ लिखने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
डाक्टर बिना रोकटोक छोटी छोटी पर्चियों पर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं जिससे एक ओर जहाँ गरीबों की जेब ढीली हो रही है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की जेब गर्म हो रही है।बेहतर परिणाम व स्वास्थ्य सेवाओं का हवाला देकर भोलीभाली जनता को जमकर लूटा जा रहा है।वैसे यूं कहें कि ऐसा होना अब आम बात हो गई है और डॉक्टरों को बाहर की दवाएं लिखने में जरा भी गुरेज नहीं है।कुछ ऐसा ही वाक्या बीते दिनों तब प्रकाश में आया जब कस्बे के एक मेडिकल स्टोर पर दवाएं ले रहे एक स्थानीय भाजपा नेता के सामने कुछ लोगों(एम.आर. वगैरह) ने आकर स्थानीय सीएचसी पर तैनात डॉक्टर शक्ति के नाम से दवाओं की बड़ी खेप रखने की बात कही।जब एमआर से इस बाबत में जानकारी ली गई तो उसने बताया कि डॉक्टर साहब यही दवाएँ लिखते हैं।इस प्रकरण की जानकारी जब अन्य लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने सीएचसी अधीक्षक को मामले से अवगत कराया जहाँ से कोई संतोषजनक जवाब ना मिलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी अधीक्षक पर मामले की लीपापोती करने का प्रयास करने का आरोप लगाकर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिलाधिकारी को शिकायत करते हुए बाहर की दवाएं लिखने व बिकवाने पर संबंधित डॉक्टर पर कठोर कार्यवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि पूरा मामला सीएचसी अधीक्षक के संज्ञान में है और इस मामले में अपने स्टाफ को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।उक्त मामले के संदर्भ में स्थानीय सीएचसी अधीक्षक किसलय बाजपेयी से जब उनका पक्ष जानने हेतु संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ लोगों द्वारा इस संदर्भ में शिकायत मिलने से मामले का पता चला था।शिकायत के आधार पर तत्काल संबंधित डॉक्टर व एमआर को कड़ी चेतावनी देते हुए फटकार लगाई गई थी।इसके साथ ही भविष्य में ऐसी गलती की पुनरावृत्ति करने पर संबंधित के खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी।