चुनाव आयोग असम समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा मार्च के पहले हफ्ते में कर सकता है। सोमवार को एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत दिए। उन्होंने यह भी कहा कि दशकों तक असम समेत पूर्वोत्तर की अनदेखी की जाती रही। असम के धेमाजी जिले के सिलापथार में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछली बार (2016 में), असम विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चार मार्च को हुई थी, इस बार भी मार्च के पहले हफ्ते में तारीखों का एलान किए जाने का अनुमान है। हालांकि, यह चुनाव आयोग का काम है।’
गैस, तेल और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी 3,222 करोड़ रुपये की पांच बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान वह जितनी बार संभव हो सकेगा, असम, बंगाल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल का दौरा करेंगे। इन राज्यों में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव कराए जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक जिन्होंने देश में शासन किया, वो समझते थे कि दीसपुर और दिल्ली के बीच बहुत ज्यादा दूरी है। परंतु, उन्होंने आगे कहा कि अब दिल्ली दूर नहीं, आपके दरवाजे पर है। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास की प्रतिबद्धता दोहराई। बता दें कि दीसपुर असम की राजधानी है। असम की सर्बानंद सोनोवाल सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए पिछले कुछ वर्षों में संतुलित तरीके से काम किया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जिनके चलते असम को छह हजार करोड़ रुपये की तेल की उसकी रॉयल्टी मिल सकी, पूर्व की मनमोहन सरकार इसे देने में विफल रही थी। प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मनमोहन सिंह ने न सिर्फ गुजरात को उसकी रॉयल्टी देने से इन्कार कर दिया था, बल्कि असम को भी रॉयल्टी नहीं थी, जहां का वो प्रतिनिधित्व करते थे।