ब्रिटेन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा रणनीति को लेकर शनिवार को और विवरण जारी किया। इसके तहत भारत जैसे देशों के साथ छात्र आदान-प्रदान परियोजनाएं शामिल होंगी। यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने की प्रक्रिया पिछले साल के अंत में पूरी होने के बाद ब्रिटेन सरकार ने नई ‘ ट्यूरिंग योजना’ की घोषणा की है जो विदेश में पढ़ने के लिए यात्रा करने वाले विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के साधन के रूप में ईयू-व्यापी छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा लेगी।
शिक्षा विभाग ने ब्रिटेन में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए और विवरण जारी किया है जो 11 करोड़ पौंड की ‘ ट्यूरिंग योजना’ के लिए है। इस योजना का नाम प्रसिद्ध अंग्रेज गणितज्ञ एवं कोड ब्रेकर एलन ट्यूरिंग के नाम पर रखा गया है। विभाग ने पुष्टि की है कि भारत उन देशों में शीर्ष पर है जहां से सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र ब्रिटेन आते हैं और उन देशों की सूची में भी शामिल रहेगा जिनके साथ ब्रिटेन के विश्वविद्यालय छात्र आदान-प्रदान परियोजनाओं के तहत समझौते करना चाहेंगे। ब्रिटेन के विश्वविद्यालय मंत्री मिशेल डोनेलन ने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे छात्र, खासकार वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले, विदेश में पढ़ने और काम करने का लाभ उठा सकें।
ब्रिटिश काउंसिल के साथ काम करते हुए, हम अपने युवाओं के लिए विश्व के दरवाजे खोलेंगे और मैं उन उत्साहजनक व समृद्ध मौकों को देखने के लिए उत्सुक हूं जो ‘ ट्यूरिंग योजना’ लेकर आएगी।’ उन्होंने कहा, ”इस अभूतपूर्व समय में, एक सक्रिय वैश्विक शिक्षा एजेंडा होना पहले से कहीं अधिक अहम है। हमारी विश्वस्तरीय शिक्षा हमारी अर्थव्यवस्था और समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षा क्षेत्र के सभी पहलुओं का समर्थन करना चाहते हैं ताकि ये दुनियाभर में आगे बढ़ सकें।’
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आदर्श कुमार
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