स्वदेशी एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अलोक कुमार ने बताया की केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठनों का करीब ढाई महीने से प्रदर्शन जारी है। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाएं। हालांकि, किसानों के आंदोलन को अब विदेशी शख्सियतों का भी समर्थन मिल रहा है। बीते दिनों पॉप सिंगर रेहाना ने भी किसानों आंदोलन के समर्थन में एक खबर को साझा करते हुए ट्वीट किया था। तब से सोशल मीडिया पर भूचाल सा आ गया है ।
अब इस मामले में विदेश मंत्रालय का भी बयान सामने आ गया है। विदेश मंत्रालय ने विदेशी टिप्पणियों पर साफ किया है कि भारतीय संसद ने पूर्ण चर्चा एवं बहस के बाद सुधारवादी कृषि कानून पारित किया है। मंत्रालय ने कहा कि इन प्रदर्शनों को भारत की लोकतांत्रिक प्रकृति एवं लोकतांत्रिक राजतंत्र के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
लेकिन मैं और मेरी पार्टी स्वदेशी एकता मंच सरकार से सवाल करता है की सदन में बैठे कुछ लोग अपने आप कानून बना देते हैं वास्तविकता में इस बिल को लेकर किसानों की राय जानना जरूरी था । केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान बेहाल है ,स्वदेशी एकता मंच किसान बिलों को वापस करने की मांग शुरू से करता आ रहा है।
अब विदशी ताकतें किसानों का समर्थन कर रही हैं, अब सरकार को बयानों से हटकर किसानों के बारे में सोचना चाहिए । जुमले मारते मारते 6 साल हो गए हैं । सरकर के सिर पर किसानों को लेकर जूं नहीं रेंग रही है ।