भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में दर्द सहते हुए जिस तरह बल्लेबाजी की एवं भारत को जीत तक ले गए उससे प्रत्येक क्रिकेट फैन उनका मुरीद हो गया। पुजारा को मेलबर्न में उंगली में चोट लगी थी जिसके बावजूद वह बचे हुए दोनों टेस्ट मैच खेले थे। कुछ ही दिन पहले पुजारा ने बताया कि दर्द की वजह से उन्हें सिर्फ चार उंगलियों की मदद से बल्ला पकड़ना पड़ा लेकिन इसके बावजूद वह पराजय मानने को राजी नहीं थे।
दर्द की वजह से नहीं पकड़ पा रहे थे बल्ला
मीडिया से बातचीत में पुजारा ने बोला, ‘बतौर बल्लेबाज आपको पता है कि आपकी टीम की क्या जरूरत है और ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ता कि बाकी लोग क्या कहते हैं। उंगली में लगी चोट के कारण मेरे लिए बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। मैं दर्द में था। मेलबर्न टेस्ट मैच के प्रैक्टिस सेशन में में मुझे चोट लगी थी। सिडनी और ब्रिस्बेन में बल्लेबाजी करते हुए मुझे परेशानी हो रही थी, मैं ढंग से बल्ला पकड़ नहीं पा रहा था। जब ब्रिस्बेन में मुझे फिर से चोट लगी तो उंगली का दर्द बढ़ गया। इसके बावजूद मैं चारों उंगली से बल्ला पकड़कर बल्लेबाजी कर रहा था लेकिन हमेशा जैसा नहीं था। लेकिन फिर भी सबकुछ ठीक रहा।’
बता दें कि पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध गाबा में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में 211 गेंदों पर 56 रनों की पारी खेली तथा इस दौरान अपने शरीर पर अनेक बाउंसर्स और गेंदे झेलीं, परंतु वह विकेट पर डटे रहे और टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।