मिट्टी से भी भर सकता है गहरा जख्म, जानिए कौन-सी है वो मिट्टी

भारत के आयुर्वेद ग्रंथों में लिखा है कि यदि आपको चोट लग जाए और आपके पास कोई घाव को भरने की दवा न हो तो आप अगर घाव पर मिट्टी या कीचड़ का लेप लगा लें तो घाव के बैक्टीरिया काफी कम हो जाते हैं. और आपका खून भी रुक सकता है. हालहि में अमेरिका की एक क्लीनिक में रिसर्च किया गया और पाया गया की कम आयरन वाली मिट्टी बैक्टीरिया की कुछ किस्मों को खत्म कर सकती है. लेकिन सभी प्रकार की मिट्टी का इस्तेमाल करना नुकसानदेह हो सकता है.

मिट्टी से भी भर सकते हैं घाव

अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में रिसचर्स ने पाया कि मिट्टी की कम से कम एक किस्म में सीआरई एवं एमआरएसए जैसी प्रतिरोधी बैक्टीरिया सहित एस्चेरीचिया कोलाई और स्टाफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया से लड़ने वाले प्रतिजैविक प्रतिरोधी (एंटीबैक्टेरियल) प्रभाव होते हैं.

कई बैक्टीरिया में उनके प्लैंक्टोनिक (प्लवक) और बायोफिल्म दोनों स्थितियों में मिट्टी का लेप प्रभावी होता है. प्लैंक्टन एक प्रकार के प्राणी या वनस्पति हैं जो आम तौर पर जल में पाये जाते हैं जबकि बायोफिल्म बैक्टीरिया में पाई जाने वाली एक तरह की जीवन शैली है. अधिकतर बैक्टीरिया बायोफिल्म नामक बहुकोशिकीय समुदाय बनाते हैं जो कोशिकाओं को पर्यावरण के खतरों से सुरक्षित रखते हैं.