कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकवादी बताया है। उनके इस बयान पर भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा देशभक्तों के साथ दुर्व्यवहार किया है। उन्होंने भगवा आतंक कहा। इससे बुरा और क्या हो सकता है। उन्होंने यह बयान तब दिया जब पत्रकारों ने उनसे दिग्विजय के इस बयान लेकर सवाल किया।
हालांकि, इस दौरान उन्होंने गोडसे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा ग्वालियर में गोडसे को समर्पित एक ज्ञानशाला खोलने के बाद कांग्रेस नेता ने बयान दिया था। बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि साध्वी प्रज्ञा का नाम ऐसे विवाद से जुड़ा है। वह पहले भी इस तरह के बयानों के चलते सुर्खियों में रही हैं। इसके चलते 2019 के लोकसभा चुनावों में, वह विवादों में घिर गई थीं। उन्होंने इस दौरान गोडसे को देशभक्त करार दिया था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ। भाजपा को इसे लेकर सफाई तक देनी पड़ी। पार्टी ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया था।
कांग्रेस ने उनके इस बयान को लेकर उनकी आलोचना की है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने कहा, ‘जब आप एक आतंकवाद के मामले में आरोपी को संसद भेजते हैं, तो आपको यही मिलता है। प्रज्ञा जैसा व्यक्ति क्या कहेगा?’
हिंदू महासभा ने मंगलवार को जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद नाथूराम गोडसे नाम के एक अध्ययन केंद्र को बंद कर दिया। दो दिन पहले यहां दौलतगंज क्षेत्र में महासभा के कार्यालय में इसे खोला गया था, जिससे विवाद पैदा हो गया। इसके बाद अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट किशोर कन्याल ने कहा कि अध्ययन केंद्र के बारे में जानने के बाद, दौलतगंज क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई। उन्होंने कहा कि हमने महासभा के पदाधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात की और उन्हें बताया कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे शांति भंग हो। उन्होंने कानून नहीं तोड़ने का वादा किया और कहा कि वे केंद्र को बंद कर देंगे