पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा में लिखा मोदी ने मेहनत से हासिल किया प्रधानमंत्री पद

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा के अंतिम भाग ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स, 2012-2017’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने के अपने अनुभवों को बेबाकी से पेश किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम करने का तरीका पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कैसे अलग रहा। 2014 में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की भारी जीत को प्रणब ने जनता की जीत करार दिया।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच मूल अंतर को स्पष्ट करते हुए प्रणब ने बताया कि मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनाया। जबकि संप्रग के घटक दलों ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में चुना था। वहीं मोदी मूल रूप से राजनेता हैं, जिन्हें भाजपा ने चुनाव अभियान शुरू करने से पहले अपना प्रधानमंत्री का उम्मीदवार चुना था। उनके अनुसार मोदी ने प्रधानमंत्री का पद खुद कमाकर हासिल किया।

मोदी और मनमोहन सिंह दोनों के प्रधानमंत्री रहने के दौरान राष्ट्रपति रह चुके प्रणब के अनुसार प्रधानमंत्री के रूप में मोदी उनके पास विभिन्न मुद्दों पर सलाह लेने के लिए आते थे और वे भी उन्हें सलाह देने में नहीं झिझकते थे। प्रधानमंत्री मोदी कई बार उनकी सलाह से इत्तेफाक नहीं भी रखते थे। लेकिन यह सिलसिला कभी रुका नहीं। वहीं सरकार और पार्टी में लंबे समय तक सहयोगी रहने के बावजूद मनमोहन सिंह कभी किसी मुद्दे पर उनसे सलाह लेने नहीं आए। प्रणब के अनुसार मनमोहन यह जान गए थे कि राष्ट्रपति सिर्फ कैबिनेट की सलाह पर ही काम कर सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी को विदेश नीति की जटिलताओं को बहुत जल्द समझने वाला बताते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 2014 के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने के फैसले पर उन्होंने तत्काल सहमति दे दी थी और उनकी सुरक्षा का व्यापक प्रबंध करने की सलाह दी थी। मुखर्जी ने प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को विदेशी कूटनीति में एक नई परंपरा की शुरुआत का श्रेय दिया। इसके तहत राष्ट्रपति के विदेश दौरे से पहले खुद प्रधानमंत्री मोदी उनके पास आकर संबंधित देश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते थे और बाद में एक पत्र भी भेजा जाता था, जिसमें संबंधित देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर मूल तथ्य लिखे होते थे।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत को असल में जनता की जीत बताते हुए प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा में स्वीकार किया कि चुनाव के पहले उन्हें भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का भरोसा नहीं था। उस समय केवल पीयूष गोयल ने भाजपा को कम से कम 265 सीटें मिलने का दावा किया था जो 280 तक पहुंच सकता है। प्रणब मुखर्जी के अनुसार वे पीयूष गोयल के इस आत्मविश्वास के पीछे के कारण को आजतक नहीं समझ सके। लेकिन पीयूष गोयल ने उन्हें मोदी के चुनाव प्रचार का जो ब्योरा दिखाया वो बहुत ही सावधानीपूर्वक रूप से तैयार किया गया था। उसके लिए काफी मेहनत की गई थी। मुखर्जी के अनुसार भाजपा को भारी बहुमत दिलाने में मोदी की तैयारियों और उनकी मेहनत ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरी ओर चुनाव के पहले किसी भी कांग्रेसी नेता ने संप्रग या कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा नहीं किया। मुखर्जी ने स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद सहयोगी दलों को साथ रखने पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ