केरल भाजपा के सख्‍त रुख के बाद विधायक ओ राजगोपाल ने मार दी पलटी , कहा- किसानों के हित में हैं नए कृषि कानून

केरल विधानसभा ने बृहस्पतिवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। केरल सरकार की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव में तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी और उद्योगपतियों के हित में बताया गया है। इस दौरान एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल द्वारा सदन में कथित तौर पर उक्‍त प्रस्ताव का समर्थन किए जाने की बात सामने आई लेकिन केरल भाजपा के सख्‍त रुख के बाद वह अपने पूर्व के बयान से पलट गए और तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने की बात कही।
विधायक ओ राजगोपाल ने अपने ताजा बयान में कहा है कि मैंने केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया। मैंने कभी भी केंद्र सरकार के रुख का विरोध नहीं किया। मेरा मानना है कि नए कृषि कानून किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ जो बयान दिखाए जा रहे हैं वह बिल्‍कुल निराधार हैं। राजगोपाल यही नहीं रुके उन्‍होंने आरोप लगाया कि मतदान के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने यह नहीं पूछा कि कौन प्रस्ताव के समर्थन में है और कौन विरोध में… विधानसभा अध्यक्ष की ओर से यह इकतौता सवाल भी घटा दिया गया जो मानदंडों का घोर उल्लंघन है।
विधायक ओ राजगोपाल ने सत्र के बाद कहा था कि मैंने प्रस्‍ताव पर कुछ बिंदुओं के संबंध में अपनी राय रखी। इसको लेकर विचारों में अंतर था जिसे मैंने सदन में रेखांकित किया। मैंने कृषि कानूनों के खिलाफ संकल्प में किए गए कुछ संदर्भों का विरोध किया। लेकिन मुझे कृषि कानूनों के खिलाफ सदन द्वारा आम सहमति पर आपत्ति नहीं है। केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। राजगोपाल ने कहा कि यह लोकतांत्रिक भावना है। यही नहीं जब राजगोपाल से कहा गया कि वह पार्टी के रुख के खिलाफ जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के अनुरूप चलने की जरूरत है।
विधायक ओ राजगोपाल द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर किए गए प्रस्ताव का समर्थन करने की बात सामने आते ही केरल भाजपा में सरगर्मी बढ़ गई। केरल भाजपा की ओर से केएस राधाकृष्णन मुझे समझ में नहीं आता कि राजगोपाल (Rajagopal) ने केंद्र सरकार के खिलाफ ऐसा हैरान करने वाला कदम क्यों उठाया। हर कोई जानता है कि एक सदस्य कुछ भी नहीं कर सकता है लेकिन उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था। यह भाजपा की इच्छा और भावना के खिलाफ है। माना जा रहा है कि प्रदेश भाजपा का यह रुख सामने आने के बाद ओ राजगोपाल ने पूर्व के कथित बयान का खंडन करते हुए कृषि कानूनों का समर्थन करने की बात कही…

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ