कोविड-19 वैक्‍सीन को लेकर पीएम मोदी पर राहुल गांधी का हमला पूछा – ‘कब आएगा भारत का नंबर’

देश में कोरोना वायरस महामारी की हालात पर चिंता जताते हुए कोविड-19 वैक्‍सीन अभियान में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि अन्‍य देशों में वैक्‍सीनेशन की शुरुआत हो गई है लेकिन भारत में प्रधानमंत्री देरी कर रहे हैं।

वायनाड से सांसद कांग्रेस नेता राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘दुनिया की 23 लाख जनता को कोविड वैक्‍सीन का डोज मिल चुका है। चीन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन में वैक्‍सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। भारत का नंबर कब आएगा, मोदी जी?’
इसके पहले केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने कहा कि अमेरिका फर्माक्‍यूटिकल फर्म फाइजर (Pfizer) की कोविड-19 वैक्‍सीन का भारत में भी परीक्षण किया जा रहा है ताकि इसे इमरजेंसी उपयोग के लिए मंजूरी मिल सके। उन्‍होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि उन्‍होंने इमरजेंसी उपयोग के लिए नियामकों से अनुमति मांगी है। इसके लिए आवेदन किया है। मेरी जानकारी के अनुसार, हमारे नियामक इसे देख रहे हैं।’

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार बुधवार को भारत में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,00,99,066 हो गया और मरने वालों की संख्‍या 1,46,444 हो गई। वहीं अभी देश में सक्रिय कोविड मामले 2,89,240 हैं और स्‍वस्‍थ होने वाले लोगों की संख्‍या 96,63,382 है।
बता दें कि एस्‍ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को अगले सप्‍ताह मंजूरी मिलने की संभावना प्रबल है। वहीं अगले माह से भारत में कोविड-19 वैक्‍सीन अभियान की शुरुआत की जा सकती है। फाइजर इंक और स्थानीय कंपनी बायोटेक द्वारा बनाए गए टीकों के लिए आपातकालीन उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है। पहली बार 9 दिसंबर को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने तीन अनुप्रयोगों की समीक्षा की थी। इसके बाद CDSCO ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) समेत सभी कंपनियों से अधिक विवरण मांगा।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ