जारी रहेगा कारवां पत्रिका के खिलाफ मानहानि का मामला: विवेक डोभाल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल से माफी मांगी थी जिसे स्‍वीकार कर लिया गया है। शनिवार को जयराम रमेश ने दिल्‍ली कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल से माफी मांगी। मामले की सुनवाई एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्‍ट्रेट सचिन गुप्‍ता कर रहे थे।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘मैंने विवेक डोभाल के खिलाफ बयान दिया। चुनावों के समय मैंने गुस्से में आकर कई आरोप लगाए। मुझे इसे वेरिफाई करना चाहिए था।’ बता दें कि यह मामला आपराधिक मानहानि का है। विवेक डोभाल ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां मैगजीन के खिलाफ बयान और लेख के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया था। विवेक डोभाल ने कहा, ‘जयराम रमेश ने माफी मांगी है और हमने इसे स्वीकार कर लिया है। कारवां पत्रिका के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला जारी रहेगा।’
दरअसल विवेक डोभाल ने मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक कारवां मैगजीन के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दर्ज कराई। ‘द कारवां’ नाम की एक वेब मैगजीन ने अजीत डोभाल और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल केमैन आइलैंड में हेज फंड चलाते हैं। यह हेज फंड 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के महज 13 दिन बाद पंजीकृत किया गया था। विवेक का यह व्यवसाय उनके भाई शौर्य डोभाल के व्यवसाय से जुड़ा है।
कारवां ने 16 जनवरी 2019 को अपने आर्टिकल में कहा कि नवंबर 2016 की नोटबंदी के 13 दिन बाद विवेक डोभाल टैक्स हेवन कैमैन आइलैंड में एक कंपनी की स्थापना की और इस कंपनी ने 83 सौ करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में किया। इस लेख के प्रकाशित होने के बाद ही जयराम रमेश ने 17 जनवरी को प्रेस वार्ता आयोजित कर कई आरोप लगाए और डोभाल परिवार पर कई सवाल खड़े किए। उनका आरोप था कि अजीत डोभाल शुरू से टैक्स हेवन के खिलाफ रहे हैं और उन पर कार्रवाई की वकालत करते रहे हैं लेकिन उनके बेटे ने नोटबंदी के 13 दिन बाद टैक्स हेवेन में कंपनी स्थापित कर दी।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ