स्त्री और पुरुष के बीच जिस्मानी रिश्ते इंसान की फितरत मानी जाती है, यानी ये एक स्वाभाविक बात है. यही रिश्ता होता है जिसकी वजह से किसी परिवार का वंश आगे बढ़ता है. विवाह के पहले शारीरिक संबंध बनाना पश्चिम देशों में तो आम बात मानी जाती है लेकिन अपने देह भारत में इस प्रकार के रिश्ते विवाह के बाद ही ठीक माने जाते हैं. लेकिन तमाम बंदिशों के बावजूद हमारे समाज में भी सदियों से विवाह के पहले भी स्त्री-पुरुष में शारीरिक संबंध बन जाते हैं.
इस तरह के संबंध सिर्फ दैहिक सुख के लिये होते हैं और इनकी कोई खास लंबी उम्र नहीं होती. शोधकर्ताओं ने स्त्री-पुरुष की भाव-भंगिमाओं को लेकर कुछ ठोस निष्कर्ष निकाले हैं, जिससे यह जाना जा सकता है कि स्त्री अथवा पुरुष जिस्मानी संबंध बनाने के इच्छुक है या नहीं. जो इस प्रकार हैं.
मर्दो के इशारे
मोहब्बत के आगोश में आने के बाद पुरुष के चेहरे के उस हिस्से में कसावट आ जाती है जो आमतौर पर थोड़ा फूला होता है. ऐसे पुरुषों का जहां एक ओर सीना थोड़ा बाहर की ओर निकल जाता है वहीं दूसरी ओर उस उनका पेट थोड़ा अंदर की ओर धंस जाता है. रक्त का प्रवाह तेज़ होने के कारण पुरुषों के होठ और गाल समेत पूरे चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है.
युवतियों के इशारे
वहीं सेक्स की इच्छा रखने वाली महिलाएं की कुछ भंगिमाएं होती हैं. वे अपनी भावना का इजहार करने के लिये अपने बालों को छूती है और अपने कपड़ों पर भी हाथ फेरती हैं. इसके आलावा वे बाल झटककर पीछे की ओर कर लेती है.पलकों को झुका कर पुरुष को निहारना और टकटकी से देखते रहना भी महिलाओं के इशारे माने जाते हैं. महिलाओं के पिछले हिस्से में पहले की तुलना में थोड़ा और उभार आ जाता है. कामातुर स्त्री प्यार पाने के लिए अपने पैरों को एक-दूसरे से रगड़ती रहती हैं.